International Women's Day: महिला दिवस के मौके पर दिल्ली की कमान महिला पुलिसकर्मियों के हाथ में
International Women's Day: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला पुलिसकर्मियों को सम्मान देने के लिए दिल्ली पुलिस ने यह पहल की है. इसमें दिल्ली के अधिकतर स्थानों में ड्यूटी ऑफिसर महिला पुलिसकर्मी को बनाया जाएगा और सहायता के लिए पुरुष पुलिसकर्मी को रखा जाएगा.
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक नई पहल की है. 8 मार्च को दिल्ली की कमान महिला पुलिस कर्मियों को दी जाएगी. दिल्ली पुलिस के पीआरओ चिन्मय बिस्वाल के मुताबिक दिल्ली पुलिस में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या करीब 11000 है. इसमें महिला अधिकारी व अलग-अलग विभाग में तैनात महिला पुलिसकर्मी हैं. इस महिला दिवस पर यह सभी महिला पुलिसकर्मी आपको नजर आएंगी. थानों का काम, ट्रैफिक का काम और PCR की कमान महिला पुलिस कर्मियों के हाथ में होंगी.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला पुलिसकर्मियों को सम्मान देने के लिए दिल्ली पुलिस ने यह पहल की है. इसमें दिल्ली के अधिकतर स्थानों में ड्यूटी ऑफिसर महिला पुलिसकर्मी को बनाया जाएगा और सहायता के लिए पुरुष पुलिसकर्मी को रखा जाएगा. मेजर ट्रैफिक ड्यूटी के लिए भी महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी वहीं पुरुष पुलिसकर्मी सिर्फ असिस्ट करने के लिए होंगे. इस दौरान महिला पुलिस कॉलेज और स्कूल की छात्राओं से भी संपर्क करेंगी. इसके अलावा बुजुर्ग महिलाओं से मिलकर भी बातचीत की जाएगी. दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन में भी आपको महिला पुलिसकर्मी ही 8 तारीख को नजर आएंगी. आपको बता दें कि महिला दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम भी दिल्ली पुलिस की तरफ से आयोजित किए जाएंगे.
महिला दिवस को लेकर एबीपी न्यूज़ ने बात की इंस्पेक्टर संघमित्रा से. आपको बता दें कि इंस्पेक्टर संघमित्रा एक ऑल वुमन पीसीआर की इंचार्ज हैं और इनकी ड्यूटी पीसीआर पर करीब साढ़े 3 साल से है. उन्होंने कहा, "बहुत अच्छा फील होता है क्योंकि लेडीज़ वैसे भी सिंसियरली काम करती हैं. उनको आगे मौका मिल रहा है, जैसे हमारी ऑल वुमन पीसीआर 2016 में लॉन्च हुई थी और तभी से हम हर तरह से, जैसे स्ट्रीट क्राइम हैं, मिसिंग चिल्ड्रन है. कोई महिला जो रात में अगर काम कर रही है और उसको बहुत बार घर तक भी छोड़ कर आना है, जैसे लॉकडाउन हुआ उसमें बहुत सारी महिला जो प्रेग्नेंट थीं तो पीसीआर ने उनको एडमिट करवाया, बल्कि कई की डिलीवरी खुद पीसीआर वैन में हुई. इसके अलावा भी हर क्षेत्र में जैसे स्ट्रीट क्राइम में भी एक बार मैंने एक चोर को पकड़ा और उसको पकड़ कर लोकल पुलिस को दिया. महिला हर क्षेत्र में सबसे आगे हैं और बढ़ चढ़कर बहुत कर्मठता के साथ काम कर रही हैं. यह देख कर बहुत अच्छा लगता है"
उन्होंने कहा, "मैं पीसीआर में करीब साढ़े तीन साल से हूं और यहां पर मैंने हर तरह के चैलेंज देखे हैं. जैसे कहीं पर आग लग गई और अगर हम उस दौरान ड्यूटी पर हैं तो हमने उनको पकड़ कर बाहर निकाला है, उनको बचाया भी है."
इंस्पेक्टर संघमित्रा ने कहा, "महिलाओं को यह कहना चाहूंगी कि आप किसी से डरे नहीं. हिम्मत रखें, जहां भी जाना हो, हिम्मत रखें. चाहे स्कूल या कॉलेज, डरे नहीं. निडर होकर काम करें और उसके बाद में आपके पास जो भी चैलेंज आएंगे आप हर चैलेंज को बहुत अच्छे से क्रॉस करेंगे और उसमें सफल भी होंगे. मैं चाहूंगी कि दिल्ली पुलिस बेस्ट है, महिलाएं आकर जहां अपना योगदान दे सकती हैं, अगर आप देश की सेवा करना चाहती हैं, तो मैं कहना चाहती हूं कि हम सब आपके साथ हैं."
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