IWD: 'महिलाओं को मानवता की प्रगति में बराबरी का भागीदार बनाया जाए तो...', महिला दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
President Droupadi Murmu on IWD: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक आलेख के जरिये देशवासियों को संदेश दिया है. उन्होंने महिलाओं की वास्तविक स्थिति पर ध्यान खींचा है.
![IWD: 'महिलाओं को मानवता की प्रगति में बराबरी का भागीदार बनाया जाए तो...', महिला दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश International Womens Day IWD President Droupadi Murmu writes World would be happier place if women made equal partners in progress of humanity IWD: 'महिलाओं को मानवता की प्रगति में बराबरी का भागीदार बनाया जाए तो...', महिला दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/10/fed38525e65475e09542cc7e4b1616d31676028338317503_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
President Droupadi Murmu Article on International Women's Day: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर देश और दुनिया में महिलाओं की स्थिति और अपने अनुभवों के बारे में एक आर्टिकल लिखा है. इसमें उन्होंने जोर देकर कहा है कि अगर मानवता की प्रगति में महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जाए तो दुनिया अधिक खुशहाल होगी. इसी के साथ राष्ट्रपति ने कहा है, ''हमारे यहां जमीनी स्तर पर निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाओं का अच्छा प्रतिनिधित्व है, लेकिन जैसे-जैसे हम ऊपर की ओर बढ़ते हैं, महिलाओं की संख्या क्रमश: घटती जाती है. यह तथ्य राजनीतिक संस्थाओं के संदर्भ में भी उतना ही सच है जितना ब्यूरोक्रेसी, न्यायपालिका और कॉर्पोरेट जगत के लिए.''
राष्ट्रपति ने आगे लिखा है, ''ध्यान देने योग्य बात यह है कि जिन राज्यों में साक्षरता दर बेहतर हैं, वहां भी यही स्थिति देखने को मिलती है. इससे यह स्पष्ट होता है कि केवल शिक्षा के द्वारा ही महिलाओं की आर्थिक और राजनीतिक आत्म-निर्भरता को सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है.''
'हर महिला की कहानी मेरी कहानी'
'हर महिला की कहानी मेरी कहानी! महिलाओं की प्रगति में मेरी आस्था' शीर्षक वाले अपने आलेख की शुरुआत में राष्ट्रपति ने मुर्मू ने कहा है, ''गत वर्ष संविधान दिवस के अवसर पर, मैं भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा आयोजित समारोह में समापन भाषण दे रही थी. न्याय के बारे में बात करते हुए, मुझे अंडर ट्रायल कैदियों का खयाल आया और उनका दशा के बारे में विस्तार से बोलने से मैं स्वयं को रोक नहीं पाई. मैंने अपने दिल की बात कही और उसका प्रभाव भी पड़ा. आज, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, मैं आपके साथ, उसी तरह, कुछ विचार साझा करना चाहती हूं जो सीधे मेरे दिल की गहराइयों से निकले हैं.''
'महिलाओं की स्थिति को लेकर व्याकुल रही हूं'
राष्ट्रपति ने आगे लिखा, ''मैं बचपन से ही, समाज में महिलाओं की स्थिति को लेकर व्याकुल रही हूं. एक ओर तो एक बच्ची को हर तरफ से ढेर सारा प्यार-दुलार मिलता है और शुभ अवसरों पर उसकी पूजा की जाती है. वहीं दूसरी ओर उसे जल्दी ही यह आभास हो जाता है कि उसकी उम्र के लड़कों की तुलना में, उसके जीवन में, कम अवसर और संभावनाएं उपलब्ध हैं.''
'कई देशों में कोई महिला राष्ट्र या शासन की प्रमुख नहीं बन सकी'
आलेख में राष्ट्रपति ने लिखा, ''यही, विश्व की सभी महिलाओं की कथा-व्यथा है. धरती माता की हर दूसरी संतान यानि महिला, अपना जीवन बाधाओं के बीच शुरू करती है. इक्कीसवीं सदी में, जब हमने हर क्षेत्र में कल्पनातीत प्रगति कर ली है, वहीं आज तक कई देशों में कोई महिला राष्ट्र अथवा शासन की प्रमुख नहीं बन सकी है. दूसरे सीमांत पर, दुर्भाग्यवश, दुनिया में ऐसे स्थान भी हैं जहां आज तक महिलाओं को मानवता का निम्नतर हिस्सा माना जाता है और स्कूल जाना भी एक लड़की के लिए जिंदगी और मौत का सवाल बन जाता है.''
"हर महिला की कहानी मेरी कहानी! —महिलाओं की प्रगति में मेरी आस्था।" — अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का भारतीय महिलाओं के अदम्य मनोबल पर आलेख https://t.co/FnSCeHVSQe
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 8, 2023
'मेरा चुनाव, महिला सशक्तिकरण की गाथा का एक अंश'
उन्होंने लिखा है, ''मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा भविष्य उज्जवल है. मैंने अपने जीवन में देखा है कि लोग बदलते हैं, नजरिया बदलता है. वास्तव में यही मानवजाति की गाथा है.'' राष्ट्रपति ने लिखा, ''यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की राष्ट्रपति के रूप में मेरा चुनाव, महिला सशक्तिकरण की गाथा का एक अंश है. मेरा मानना है कि महिला-पुरुष न्याय को बढ़ावा देने के लिए 'मातृत्व में सहज नेतृत्व' की भावना को जीवंत बनाने की आवश्यकता है. महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से सशक्त बनाने के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे सरकार के अनेक कार्यक्रम, सही दिशा में बढ़ते हुए कदम हैं.''
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पूरा आलेख presidentofindia.gov.in वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ है. इसी के साथ राष्ट्रपति मुर्मू ने देशवासियों को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी हैं.
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