200 पैड वेंडिंग मशीनें लगाने की तैयारी में है रेलवे
देश में रेलवे से जुड़ी जिन तीन जगहों पर सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाई हैं उनमें दिल्ली, भोपाल और बड़ौदा हाउस शामिल हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्निव लोहानी ने कहा कि कोशिशें की जा रही हैं कि आठ मार्च यानि इंटरनेशनल वुमन डे तक देशभर में 200 पैड वेंडिंग मशीनें लगाई जा सकें.
नई दिल्ली: रेलवे एक क्रांतिकारी कदम उठाने का प्लान बना रहा है. इसके तहत देशभर के 200 बड़े रेलवे स्टेशनों पर सैनिटरी पैड की वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी. रेल मंत्रालय ने ये जानकारी देते हुए कहा कि इंटरनेशनल वुमन डे यानि मार्च आठ तक इन मशीनों लगाया जाने की कोशिश की जा रही है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल दस्तक नाम के एक संगठन के दौरे पर पहुंचे. ये संगठन रेलवे की महिलाएं चलाती हैं. यहां इको फ्रेंडली सैनिटरी पैड बनाए जाने का काम होता है. गोयल इसके दिल्ली स्थित सरोजनी नगर यूनिट के दौर पर गए थे. वहां पहुंचे गोयल ने कहा, "ऐसे प्रोजेक्सट्स को तेज़ी से फैलाया जाना चाहिए और राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट को इसमें अहम भूमिका निभानी चाहिए."
देश में जिन तीन जगहों पर सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगाई हैं उनमें दिल्ली, भोपाल और बड़ौदा हाउस शामिल हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि कोशिशें की जा रही हैं कि आठ मार्च यानि इंटरनेशनल वुमन डे तक देशभर में 200 पैड वेंडिंग मशीनें लगाई जा सकें. इसके सहारे रेलवे की महिला कर्मचारियों और आर्थिक रूप से समाज की पिछड़ी महिलाओं की मदद की भी कोशिश की जा रही है.
रेलवे की RWWCO (Railway Women's Welfare Central Organisation) ने दस्तक नाम की इस मुहिम की शुरुआत की है जिसका मिशन सस्ते और इको फ्रेंडली पैड्स (पर्यावरण अनुकूल) बनाना है. इसकी शुरुआत एक जनवरी 2018 को की गई थी. अभी रोज़ाना 400 पैड्स बनाने वाली छह लोगों की इस संस्था को देशभर में फैलाए जाने का प्लान है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि दस्तक के बनाए छह पैड्स के एक पैकेट की कीमत महज़ 22 रुपए है. उम्मीद जताई जा रही है कि जैसे-जैसे प्रोडक्शन में और तेज़ी आएगी वैसे-वैसे पैड्स की कीमत नीचे आएगी.