केंद्र सरकार समय-समय पर महिलाओं के समग्र विकास के लिए तरह-तरह की योजनाएं लाती रही है. इसी का परिणाम है कि आज समाज में महिलाओं की भूमिकाओं में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रही है. आज शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा, जहां महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज न कराई हो. तो आइए महिला दिवस (8 मार्च) के अवसर पर जानते हैं केंद्र सरकार की उन योजनाओं के बारे में, जिनका लाभ उठाकर महिलाएं दिन-ब-दिन सशक्त बन रही हैं.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही इस योजना का शुभारंभ 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन के नारे के साथ शुरू की गई यह योजना एक धुंआरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना करती है और वर्ष 2019 तक 5 करोड़ परिवारों, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती दर पर एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती है. इस योजना से महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी विकार, वायु प्रदूषण एवं वनों की कटाई को कम करने में मदद मिलेगी.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
देश की बेटियों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को शुरू किया था. इस योजना का मुख्य उद्देश्य पक्षपाती लिंग चुनाव की प्रक्रिया का उन्मूलन करना, बालिकाओं का अस्तित्व और सुरक्षा सुनिश्चित करना, बालिकाओं की शिक्षा सुनिश्चित करना, बालिकाओं को शोषण से बचाना, शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को सामाजिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाना है. शिक्षा के साथ–साथ बेटियों को अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ाने एवं उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना इस योजना का मुख्य लक्ष्य है.
सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना को 22 जनवरी 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ किया गया है. वे सभी माता-पिता, जो अपनी बेटी की पढ़ाई और शादी के लिए पैसे जमा करना चाहते हैं, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इस योजना के तहत खाता खोलने के लिए न्यूनतम राशि 250 रुपए तथा अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपए है. इस योजना के अंतर्गत बेटी के माता-पिता को बेटी का बैंक अकाउंट किसी राष्ट्रीय बैंक या फिर नजदीकी पोस्ट ऑफिस में खुलवाना होता हो. यह बैंक अकाउंट बेटी के जन्म से 10 वर्ष की आयु तक खुलवाया जा सकता है. इस योजना के अंतर्गत बेटी के 14 वर्ष होने तक माता-पिता को धनराशि जमा करनी होगी. बेटी के 18 वर्ष के होने के बाद इस धनराशि का 50 फीसदी निकाला जा सकता है और बेटी के 21 वर्ष पूरा होने के बाद पूरी धनराशि निकाली जा सकती है.
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना
प्रसव के समय गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना शुरू की गई है. इसके तहत गर्भवती महिलाओ को प्रसव के 6 महीने बाद और बीमार नवजात शिशुओं को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जाता है. इस योजना के अंतर्गत अस्पतालों या प्रशिक्षित नर्स की निगरानी में प्रसव सुनिश्चित किया जाता है. प्रसव के समय होने वाला सारा खर्च सरकार द्वारा उठाया जाएगा और प्रसव के बाद 6 महीने तक मां और बच्चे को निशुल्क दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाएगी. इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व की गारंटी दी जाती है.
फ्री सिलाई मशीन योजना
इस योजना का लाभ देश के शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को दिया जाता है. इसके अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा हर राज्य में 50000 के अधिक महिलाओं को निशुल्क सिलाई मशीन प्रदान की जाएगी. इस योजना के जरिये महिलाएं फ्री सिलाई मशीन प्राप्त कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकती हैं. इस योजना का लाभ 20 से 40 वर्ष की आयु की महिलाएं ही उठा सकती हैं.
समर्थ योजना
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत जरूरतमंद महिलाओं को अलग-अलग प्रकार के वस्त्र उत्पादन के गुर और उससे जुड़े कार्यों के बारे में सिखाया जा रहा है. चूंकि वस्त्र क्षेत्र में काम करने वालों में 75 फीसदी महिलाएं हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए इस योजना के अंतर्गत महिलाओं पर फोकस किया गया है. इस योजना के अंतर्गत भारत की वैश्विक बाजार में वस्त्र क्षेत्र में हिस्सेदारी भी बढ़ेगी आने वाले समय में वस्त्र उद्योग में बड़ी संख्या में कामगारों की आवश्यकता पड़ेगी.
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