Fat Grain Year: संसद में 'फैट ग्रेन' का स्पेशल लंच, पीएम मोदी समेत सभी सांसद होंगे शामिल, स्टार्टर से लेकर डेजर्ट तक ये है पूरा मेन्यू
Fat Grain Year: साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मार्च 2021 में भारत की ओर से पेश इससे जुड़े प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया था.
International Year of Millets: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पहल पर 'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' को चिह्नित करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज (20 दिसंबर) दोपहर में लोकसभा-राज्यसभा सांसदों के लिए विशेष कदन्न (मिलेट) भोजन की मेजबानी करेंगे. ज्वार, बाजरा और रागी से बने भोजन परोसे जाएंगे और रागी से बनी रोटी, इडली, डोसा परोसे जाएंगे.
इसके लिए कर्नाटक से एक विशेष शेफ को बुलाया गया है. 22 से ज़्यादा शेफ, इस विशेष भोजन को संसद भवन के भीतर ही सांसदों के लिए तैयार करेंगे. रागी और ज्वार और बाजरा खाने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संसद सदस्यों को इनसे बना भोजन परोसा जाएगा.
साल 2023 अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित
साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है. मार्च 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत की ओर से पेश इससे जुड़े प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया था. इस प्रस्ताव का 70 से अधिक देशों ने समर्थन किया था. इसका उद्देश्य बदलती जलवायु परिस्थितियों में फैट ग्रेन के पोषण और स्वास्थ्य लाभ और इसकी खेती के लिए उपयुक्तता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. फैट ग्रेन या कदन्न में ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, कुटकी, कोदो और सावां आदि शामिल हैं.
स्टार्टर के तौर परोसे जाने वाले व्यंजन
कृषि मंत्रालय के तरफ से आयोजित किए गए इस फैट ग्रेन के भोज में लोकसभा और राज्य सभा के सभी सांसदों को आमंत्रित किया गया है, इस भोज में सूप के लिए ख़ास तौर पर बाजरे की राबड़ी तैयार की है, इसके अलावा इस भोज में स्टार्टर के तौर पर निम्नलिखित व्यंजन को शामिल किया गया है.
- रागी डोसा- यह दक्षिण भारतीय व्यंजन है, जो रागी के आटे के साथ कटी प्याज और हरी मिर्च को भर कर तैयार किया जाता है.
- रागी रोटी- भारतीय चपाती जो रागी के आटे से तैयार कि जाती है
- उच्चेल चटनी- नाइजर को लहसुन, सूखे ना रयल और मूंगफली के साथ पीसकर बनाया जाता है
- कालू हुली- मिश्रित सब्जियां, लोबया, बंगाली चना और सेम से न मतकरी लहसुन चटनी
- चटनी पाउडर- भुने चने को पीस कर घी के साथ परोसा जाता है.
मेन कोर्स के तौर पर परोसे जाने वाले व्यंजन
- बैगन की एंगई- तल, कुटे मूंगफली के दाने और सूखे नारियल के भूरे से भरे बैगन को गाढ़े मसालेदार के साथ पकाया जाता है.
- हल्दी की सब्ज़ी- बाजरा, देसी घी और गुड़ के साथ परोसा जाता है.
- बाजरे का चूरमा- पीसी बाजरे की रोटी, घी, चीनी या गुड़ और सूखे मेवे मिलाकर बनाया जाता है.
- पीसी बाजरे की रोटी, घी, चीनी या गुड़ और सूखे मेवे मला कर बनाया जाता है.
- केर कुमट-सांगरी- सूखे बेर और सांगरी फली से बनी एक पारंपरीक राजनी.
- कचरा ग्वार फली- सूखी ग्वार फली की सब्जी परोसी जाएगी.
- कढ़ी- बेसन से बनी छाछ, हरी मिर्च , हरा धनिया के साथ परोसा जाता है.
- कालू पालया- मोठ और नारियल करी.
- कंगनी बीसीबेलेबॉथ- कंगनी, सजय और मसाले के साथ पकाया जाने वाला गरमा-गरम दाल का व्यंजन.
- खारी बूंदी- बेसन से बने कुरकुरे तले ग्लोब्यूज.
- मलेट दही चावल- दही के साथ पकाई गयी टेड कंगनी.
- जोलदा रोटी- वारमलेट के आटे से बनी भारतीय चपाती.
फैट ग्रेन से तैयार मिठाइयों को परोसा जाएगा
- रागी हलवा- रागी, गुड़, नारियल, इलायची और घी से निर्मित मिष्ठान है.
- ज्वार हलवा- ज्वार, गुड़, नारियल, इलायची और घी से निर्मित मिठाई है.
- गाजर का हलवा- दूध, खोया, घी और सूखे मेवे से बनाया जाता है.
- बाजरा खीर- दूध, चीनी और सूखे मेवे से बना बाजरा दलिया है.
- बाजरा केक- बाजरे के आटे और सूखे मेव से बनाया गया है.