Manipur Violence: मणिपुर सरकार ने राज्य के नौ अशांत जिलों में मोबाइल डेटा सेवाओं पर प्रतिबंध नौ दिसंबर तक बढ़ा दिया है. गृह विभाग की ओर से शनिवार (08 दिसंबर, 2024) को जारी एक आदेश में कहा गया कि यह निर्णय इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्वी, काकचिंग, बिष्णुपुर, थौबल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, फेरजावल और जिरीबाम जिलों में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया.
जारी आदेश में कहा गया कि वीएसएटी, वीपीएन सहित मोबाइल इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं जनहित में नौ दिसंबर शाम 5.15 बजे तक निलंबित रहेंगी. आदेश में कहा गया कि हालांकि, राज्य सरकार की अनुमति वाले मामलों में छूट दी गई है. जिरी और बराक नदियों में तीन महिलाओं तथा तीन बच्चों के शव बरामद होने के बाद राज्य में भड़की हिंसा के चलते 16 नवंबर को इन जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं. सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं, शैक्षणिक संस्थानों और विभिन्न कार्यालयों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए 19 नवंबर को ब्रॉडबैंड सेवाओं पर लगाई गई रोक हटा दी थी. हालांकि, वाईफाई या हॉटस्पॉट साझा करने की अनुमति नहीं थी.
‘इंटरनेट बंद होने से विद्यार्थियों को हो रही परेशानी’
इंटरनेट सेवाएं बंद होने के कारण मणिपुर के कई शिक्षाविदों ने कहा कि लंबे समय से जारी हिंसा, लगातार इंटरनेट बंद रहने, कर्फ्यू और आम हड़ताल के कारण पूर्वोत्तर राज्य में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शैक्षणिक और करियर संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लगातार इंटरनेट बंद होने के कारण विद्यार्थियों को ऑनलाइन संसाधनों तक पहुंच बनाने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और कई कंपनियां कर्फ्यू और हड़ताल के कारण रोजगार अभियान के लिए मणिपुर के कॉलेज परिसरों में जाने से हिचकिचा रही हैं.
‘हिंसा भड़कने के बाद भर्ती अभियान में कमी आई है’
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) मणिपुर के कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख और प्लेसमेंट प्रभारी के.एच. जॉनसन सिंह ने बताया, “राज्य में हिंसा भड़कने के बाद हमने भर्ती अभियान में कमी देखी है. इस साल कम से कम 40 कंपनियां (डिजिटल माध्यम से) भर्ती के लिए आईं और 70 विद्यार्थियों का चयन किया. यह हिंसा भड़कने से पहले की तुलना में बहुत कम है. हमें लगभग 100 विद्यार्थियों के चयन और लगभग 50 कंपनियों के आने की उम्मीद थी.
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