नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के फील्ड अधिकारियों से नई सोच के जरिये प्राथमिक शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में नई, अग्रणी और सस्ती तकनीक लाने को कहा है. प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि भारत खुद को डेटा विश्लेषण के वैश्विक हब के रूप में तैयार कर रहा है. अपनी डिजिटल ताकत और मोबाइल उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के जरिये भारत इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
प्रसाद ने एक कार्यक्रम ‘विजन इनसाइट एंड वॉयसेज आफ इंडिया गोइंग डिजिटल’ (वीआईवीआईडी) को संबोधित करते हुए कहा कि आपको सोचना होगा कि आप किस तरह से प्राथमिक शिक्षा, कृषि और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में सस्ती लागत की तकनीक के इस्तेमाल के जरिये मदद कर सकते हैं.
मंत्री ने देश में मोबाइल डेटा खपत में वृद्धि, छोटे शहरों और कस्बों में बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) की बढ़ती संख्या और डिजिटल इंडिया पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी एक जिले में तकनीक में किया गया नवोन्मेषण अन्य गंतव्यों पर भी पहुंचना चाहिए.
रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों को डिजिटल मंच से जोड़ा जाना चाहिए, जिससे शिक्षा में बेहतर चीजों सामने आ सकें. इसके अलावा डिजिटल मंच के जरिये स्वास्थ्य सेवा को भी बेहतर करने का प्रयास किया जाना चाहिए. मंत्री ने कहा कि देश को कम लागत के साइबर सुरक्षा समाधान की भी जरूरत है.
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