जामिया मामले की जांच के दौरान हो रहे हैं बड़े खुलासे, पुलिस ने सभी छात्रों को क्लीनचिट नहीं दी
सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान कुछ व्हाट्सएप ग्रुप का पता चला है. सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच की आंच अब कुछ बड़े लोगों तक भी पहुंच रही है औऱ जांच के दूसरे चरण में पुलिस कुछ नेताओं को भी पूछताछ के लिए बुलाने जा रही है.
नई दिल्ली: जामिया मामले की जांच के दौरान बड़े खुलासे हो रहे हैं. पूछताछ के दौरान यह बात उभर कर सामने आई है कि इस पूरे दंगे के पीछे एक आपराधिक षडयंत्र भी था. गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के आधार पर कुछ बड़े लोगों और कुछ नेताओं को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. हालांकि पुलिस ने इस मामले में जामिया के सभी छात्रों को क्लीनचिट नहीं दी है. पुलिस को यह शक भी है कि इस हंगामे के पीछे कुछ देशद्रोही तत्व भी हो सकते हैं.
जामिया मामले की जांच के दौरान 10 गिरफ्तारियां हुई हैं. जबकि पूछताछ के आधार पर एक दर्जन से ज्यादा और लोगों की पहचान भी की जा रही है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में वीडियो फुटेज के आधार पर सोमवार की रात जामिया और आसपास के इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की और 10 लोगों को गिरफ्तार किया. पुलिस का कहना है कि इन 10 लोगों में से 3 लोग पुलिस के घोषित अपराधी भी हैं. गिरफ्तार अन्य लोगों का आपराधिक रिकॉर्ड भी मिला है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान अनेक अहम जानकारियां सामने आई हैं जो सीधे तौर पर इशारा कर रही हैं कि इस पूरे दंगे के पर्दे के पीछे कुछ लोग हैं जो इसकी आड़ में अपने निशाने साध रहे थे.
सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान कुछ व्हाट्सएप ग्रुप का पता चला है. इन ग्रुप्स के जरिए संदेशो का आदान प्रदान किया जा रहा था. कुछ निर्देश भी दिए जा रहे थे. दंगाई अपने साथ गीले कंबल भी लाए थे. इन गीले कंबलो को आंसू गैस के गोले पर डाला जाना था. गीले कंबल से आंसू गैस का गोला काम नहीं करता. दंगाईय़ो ने पुलिस पर फेकने के लिए पेट्रोल बम भी तैयार किए थे. सूत्रों के मुताबिक अब तक की पूछताछ के दौरान जो बयान सामने आए हैं वो साफ तौर पर इशारा करते हैं कि यह पूरा हंगामा सुनियोजित था. इसके लिए बाकायदा पूरी तैयारी की गई होगी क्योंकि गीले कंबल लाना बताता है कि हंगामे के हर चरण की तैयारी की गई थी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनसे यह जानने की भी कोशिश की जा रही है कि इस दंगे के पीछे क्या लोगों को पैसे भी दिए गए थे. क्योंकि इनमें से तीन लोग पुलिस के घोषित अपराधी हैं जो पैसे लेकर कुछ भी कर सकते हैं. वो इतने पढ़े लिखे भी नहीं है जो यह समझ सकें कि नागरिकता के नए कानून से उन्हें कोई नुकसान नहीं होने वाला तो वे हंगामा क्यों करें. फिलहाल पुलिस ने इन लोगों के बयानों के आधार पर कुछ लोगों को चिन्हित किया है जिनकी तलाश की जा रही है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में किसी को कोई क्लीनचिट नहीं दी गई है. लेकिन उन लोगों को डरने की जरूरत नहीं है जिन्होंने कुछ नहीं किया. खासकर छात्र किसी के बहकावे में ना आएं.
सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच की आंच अब कुछ बड़े लोगों तक भी पहुंच रही है औऱ जांच के दूसरे चरण में पुलिस कुछ नेताओं को भी पूछताछ के लिए बुलाने जा रही है. साथ ही पुलिस को यह शक भी है कि इस मामले की जड़ में कुछ देशद्रोही ताकतें भी हो सकती हैं. हांलाकि पुलिस को अभी तक ऐसे सीधे सबूत नहीं मिले हैं.
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