नई दिल्ली: कैग की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार का राशन घोटाला का मामला सामने आया है. कैग की रिपोर्ट के मुताबिक सामने आई अनियमितताओं में सबसे अहम है गोदाम से दुकानों तक अनाज की सप्लाई से जुड़ा मामला. कैग ने पाया है कि स्कूटर, बाइक, तिपहिया, बसों से राशन की सप्लाई की गई है. राशन घोटाला: CBI जांच की तैयारी में केजरीवाल सरकार, सिसोदिया बोले- हमारे पास सस्पेंड करने की पॉवर भी नहीं
दिल्ली में तकरीबन 2200 फेयर प्राइस शॉप यानी सरकारी राशन की दुकानें हैं. इन्हें FCI के 6 गोदामों से अनाज सप्लाई किया जाता है. अनाज सप्लाई करने की जिम्मेदारी DSCSC दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन लिमिटेड की है. DSCSC दिल्ली सरकार के अंतर्गत काम करती है. DSCSC ये काम कॉंट्रेक्टरों के जरिए करवाता है. हालांकि हर गोदाम में अनाज ट्रक पर लोड होने से पहले इसके कर्मचारी होते हैं जो अनाज की गुणवत्ता और मात्रा जांचते हैं.दिल्ली में राशन घोटाला: CAG की रिपोर्ट से खुलासा, स्कूटर-बाईक और तिपहिया वाहन से हुई राशन सप्लाई
राशन दुकानदार एडवांस में कोटे के मुताबिक पैसा बैंक में जमा कर देते हैं और राशन उनकी दुकान तक पहुंच जाता है. इसके बाद ये आम लोगों तक पहुंचता हैं. दिल्ली में लगभग साढ़े उन्नीस लाख परिवारों के पास राशन कार्ड है जिससे लगभग 73 लाख लोग जुड़े हैं. लगभग सभी राशन कार्ड को आधार से जोड़ा जा चुका है.
राशन दुकानों पर POS यानी पॉइंट ऑफ सेल मशीन लगी होती है. इसके जरिए अंगूठा या आंखों की पुतली के जरिए खरीददार का आधार और राशन के सर्वर से मिलान किया जाता है और फिर राशन बेचा जाता है. गेंहू 2 रुपए प्रति किलो, चावल 3 रुपए प्रति किलो और चीनी 13.50 रुपए प्रति किलो के भाव से मिलती है.
राशन वितरण की तीन श्रेणियां हैं
(1)PR, (2) PRS :इस श्रेणी में आने वाले लोगों को परिवार के प्रति सदस्य के हिसाब से गेंहू 4 किलो प्रति महीने और चावल 1 किलो प्रति महीने मिलता है. PRS में 1 किलो प्रति महीने चीनी का भी प्रावधान है लेकिन चीनी आजकल नहीं मिल रही. इस श्रेणी में वो लोग आते हैं जिनकी सालाना आय एक लाख से कम है. चार पहिए की गाड़ी नहीं है. 2 KW से ज्यादा का बिजली कनेक्शन नहीं है. A से E कैटगरी में घर नहीं है.
(3) तीसरी श्रेणी है AAY की यानी अंत्योदय अन्न योजना: इस श्रेणि में प्रति कार्ड 25 किलो गेंहू, 10 किलो चावल और एक किलो चीनी मिलती है. ये उन लोगों को मिलता है जिनकी आय 24,200 रुपए सालाना से कम है, बाकी नियम समान हैं.
ऐसे लोग राशन विभाग के दफ्तर में राशन कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं. वेरिफिकेशन के बाद कार्ड बनता है. हालांकि काफी वक्त से दिल्ली में नया राशन कार्ड नहीं बन रहा.