गुरुग्राम: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 22 अगस्त को होने वाले एलिवेटेड रोड हादसे की जांच शुरू कर दी है. NHAI ने मामले की विस्तृत जांच करने के लिए पूर्व डीजी (सड़क) सड़क परिवहन मंत्रालय एच श्री वीएल पाटनकर की अध्यक्षता में तकनीकी विशेषज्ञों की चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. ये कमेट निर्माण में खामियों की जांच करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुधारात्मक उपाय भी सुझाएगी.


शुरुआती जांच में ऐसा लगता है की वेंडर की ओर से कमियां और खामियां रही होंगी, जिस की वजह से ये घटना हुई. एनएचएआई ने सीनियर क्वालिटी और मटेरियल एक्सपर्ट देवेन्द्र रेड्डी, टीम लीडर और ब्रिज इंजिनियर आर के प्रजापति को प्रोजेक्ट से हटा दिया और दो साल तक किसी भी एनएचएआई के प्रोजेक्ट में काम पर रोक लगा दी है. इसके अलावा इंडिपेंडेंट इंजिनियर, डिजाइन और स्ट्रक्चर से जुड़े कंपनी और कंसल्टेंट को शो कॉज नोटिस दिया गया है.


एनएचएआई अधिकारियों की तरफ से साइट के निरीक्षण के दौरान ये भी देखा गया कि ठेकेदार ने पर्याप्त यातायात सुरक्षा के उपाय नहीं किए हैं, जैसे की बैरिकेडिंग, मार्शलों की तैनाती. इसलिए एनएचएआई ने 24 अगस्त से अपेक्षित सुरक्षा उपायों लागू करने तक 50 हजार रुपये प्रति दिन जुर्माना लगाया और तब तक काम सस्पेंड किया गया है.