नई दिल्ली: तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद और उसके सहयोगी कानूनी तिकड़म कर खुद को बचाने में लगे हुए हैं. एक तरफ जहां मौलाना साद अपना सरकारी अस्पताल में कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहा है वहीं दूसरी तरफ मौलाना साद के सहयोगी ईडी के नोटिस पर पेश नहीं हो रहे हैं. दिलचस्प यह भी है कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक मौलाना साद को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए धारा 160 के तहत कोई नोटिस नहीं दिया है.
हालांकि बड़ी खबर ये है कि जांच एजेंसियों ने मौलाना साद और जमात से जुड़े बैंक खातों से निकासी पर रोक लगा दी है.
गंभीर अपराधों के तहत अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर होने के बावजूद तथा 40 दिन बीत जाने पर भी मौलाना साद अभी तक किसी भी जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुआ है. दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद को स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह अपना सरकारी अस्पताल में कोरोना टेस्ट करवाए और उसका प्रमाण पत्र पुलिस के सामने पेश करे. जिसके जवाब में मौलाना साद ने प्राइवेट अस्पताल की टेस्ट रिपोर्ट भेज दी थी लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसे मानने से इनकार कर दिया.
वहीं दूसरी तरफ मामले की जांच में लगी ईडी ने मौलाना साद के 2 खास लोगों को पूछताछ का नोटिस जारी किया था लेकिन उनके दोनों सहयोगियों के वकील ने ईडी के समक्ष पेश होकर कहा कि दोनों अभी नहीं आ सकते. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी तक जितने भी नोटिस मौलाना साद को दिए गए हैं उनमें किसी भी नोटिस में मौलाना साद को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए नहीं कहा गया है यानी साफ है कि दिल्ली पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत मौलाना साद को पेश होने के लिए नहीं कहा है.जिसका सीधा फायदा मौलाना साद उठा रहा है.
सवाल उठता है कि आखिर दिल्ली पुलिस मौलाना साद को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने का नोटिस क्यों नहीं जारी कर रही. दिल्ली पुलिस के मुताबिक मौलाना साद के मामले की जांच में लगे अपराध शाखा की टीम के 5 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जिन्हें एम्स झज्जर में भर्ती कराया गया है. उस पूरी टीम को क्वॉरंटीन कर दिया गया है. हालात यहां तक खराब हो गए हैं कि मामले की जांच में दूसरी टीम को लगाया गया है.
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि ऐसे में यदि रिस्क लिए गए तो हालात और खराब हो सकते हैं पुलिस के आला अधिकारी ने कहा कि मामले की चरण दर चरण जांच की जा रही है और जब ऐसा आवश्यक हो जाएगा कि मौलाना साद को लाना ही पड़े तो ऐसे में पुलिस अपने हिसाब से काम करेगी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस इस मामले में फूंक फूंक कर कदम रख रही है क्योंकि एक तरफ कोरोना का कहर और दूसरी तरफ रमजान का महीना चल रहा है ऐसे में पुलिस नहीं नहीं चाहती कि किसी तरह की कोई अप्रिय स्थिति पैदा हो. पुलिस के एक आला अधिकारी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर मौलाना साद के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट लिया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक उधर दूसरी तरफ इस पूरी स्थिति का फायदा उठाकर मौलाना साद और उसके सहयोगी खुद को कानून के जाल से बचाने की तिकड़म में लगे हुए हैं. मौलाना साद को जाकिर नगर में अपने एक रिश्तेदार के यहां बताया जाता है जहां वह लगातार अपने वकीलों के संपर्क में है. साथ ही उसके खास लोग भी जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं. ईडी ने जिन 2 लोगों को नोटिस जारी किया इनमें से एक मरकज कोर ग्रुप का अहम सदस्य है जो इंतजामियां कमेटी में भी शामिल है. आरोप है कि वह पैसों को इधर-उधर करने का काम भी करता था.
दूसरा शख्स कथित हवाला ऑपरेटर है जो मौलाना साद की पैसों को हवाला के जरिए इधर-उधर भेजता था. उधर जांच एजेंसियों ने मौलाना साद और उसके सहयोगियों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से तब्लीगी जमात से जुड़े बैंक खाते से निकासी पर रोक लगा दी है. यह रोक लाल कुआं में बैंक ऑफ इंडिया के खाते पर लगाई गई है. इस खाते में लगभग 2 करोड़ रुपए बताए जाते हैं. जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक एजेंसियां अपने तरीके से अपना काम कर रही हैं और एक-एक कदम रखते हुए मौलाना साद और उसके खास सहेलियों के नजदीक पहुंच रही हैं.
अभी तक की जांच के दौरान पता चला है कि जमात ने आईआरसीटीसी से जमात के लोगों के रेल यात्रा के लिए कमर्शियल आईडी लिया हुआ था. इस आईडी के तहत अनेकों लोगों की टिकट एक साथ करा सकते हैं. जांच एजेंसियां रेलवे से जानकारी ले रही है कि मार्च महीने में जमात में कितने टिकट किस किस स्थान के कराए थे. क्या इन लोगों में विदेशी भी शामिल थे और विदेशियों को कहां-कहां भेजा गया था, इसकी जानकारी ली जा रही है.
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