नयी दिल्ली: सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश को मंजूरी देने में हुई कथित गड़बड़ियों के सिलसिले में आज पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से करीब चार घंटे पूछताछ की. आरोप हैं कि गड़बड़ियां तब हुईं थीं जब चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे. इसके अलावा सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने पी चिदंबरम पर पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश को मंजूरी देने की प्रक्रिया में अनियमितताएं बरते जाने का आरोप लगाया है.
आज राष्ट्रीय राजधानी स्थित सीबीआई मुख्यालय से बाहर आने के बाद चिदंबरम ने कहा कि वो सीबीआई के सामने पेश हुए और एफआईआर में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं. कांग्रेस नेता ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘सवाल-जवाब एफआईपीबी की फाइलों पर आधारित थे. इसलिए रिकॉर्ड में डालने के लिए कुछ नहीं था.’’
क्या है पूरा मामला
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की 305 करोड़ रुपये की मंजूरी के बारे में चिदंबरम कथित भूमिका के लिए जांच एजेंसियों के दायरे में आए हैं. सीबीआई ने साल 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से मिली मंजूरी में अनियमितता के लिए पिछले साल 15 मई को एफआईआर दर्ज की थी. यूपीए-1 सरकार के दौरान जब यह मंजूरी दी गई तब वित्त मंत्री चिदंबरम ही थे. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को इस मामले में 10 लाख रुपये का फंड पर हासिल करने के लिए गिरफ्तार भी किया गया था.
ईडी ने चिदंबरम को फिर से 12 जून को बुलाया है
ईडी ने जांच के सिलसिले में दूसरे दौर की पूछताछ के लिए पूर्व वित्त मंत्री पी . चिदंबरम को 12 जून को बुलाया है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि चिदंबरम को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 12 जून को बुलाया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि ईडी सौदे के बारे में चिदंबरम से नये सवाल पूछना चाह रही है. हालांकि, उनसे कल अलग-अलग पहलुओं पर छह घंटे पूछताछ की गयी थी.
एजेंसी ने इससे पहले सौदे के समय एफआईपीबी में रहे अधिकारियों का बयान रिकॉर्ड किया था. चिदंबरम का उन अधिकारियों से आमना-सामना भी कराया जा सकता है. आपको बता दें कि एफआईपीबी को अब खत्म कर दिया गया है. इस मामले में चिदंबरम के बेटे कार्ति से ईडी पहले ही दो बार पूछताछ कर चुकी है. चिदंबरम ने ईडी के कार्यालय से निकलने के बाद ट्वीट किया कि एजेंसी को दिये गये सारे जवाब पहले से ही सरकारी दस्तावेजों में मौजूद हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है फिर भी जांच शुरू की गयी है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आधे से ज्यादा समय बिना गलती के जवाबों को टाइप करने, बयान पढ़ने और हस्ताक्षर करने में बीत गया.’’ चिदंबरम ने पिछले हफ्ते इस मामले में ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायाधीश ओ.पी.सैनी की विशेष सुनवाई के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने कल ईडी को निर्देश दिया कि चिदंबरम को 10 जुलाई तक गिरफ्तार न किया जाए.
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