नई दिल्ली: देश के पूर्व वित्त मंत्री और आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत एक बार फिर से बढ़ गई है. पी चिदंबरम को 30 अगस्त तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है. आज जब पी चिदंबरम को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत में पेश किया गया तो सीबीआई ने पी चिदंबरम के लिए 5 दिन की सीबीआई हिरासत की मांग की. सीबीआई की दलील थी कि पी चिदंबरम जांच में पूरी तरह सहयोग नहीं कर रहे और अभी जब उनको कोर्ट में लाया गया उससे पहले मामले में एक से आरोपी के साथ आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा रही थी. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि पी चिदंबरम से अगले कुछ दिनों के दौरान कुछ ई मेल के बारे में जानकारी हासिल करनी है.


चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने किया विरोध
हालांकि सीबीआई की इस दलील का चिदंबरम की तरफ से पेश हो रहे वकील कपिल सिब्बल ने विरोध किया. कपिल सिब्बल ने दलील देते हुए कहा कि एक तरफ सीबीआई कहती है कि चिदंबरम से करोड़ों रुपए के पैसे की हेराफेरी के बारे में तफ्तीश करनी है सवाल पूछने हैं लेकिन पिछले 4 दिनों के दौरान चिदंबरम से इसको लेकर कोई भी सवाल नहीं पूछा गया. जिन ईमेल को दिखाकर सीबीआई अब पूछताछ की बात कर रही है वह ईमेल तो सीबीआई के पास पहले से थे तो आखिर अब ऐसा नया क्या है जिसके लिए चिदंबरम की हिरासत जरूरी है.


कपिल सिब्बल ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई करोड़ों रुपए की हेराफेरी की बात जरूर करती है लेकिन उस करोड़ों रुपए की हेराफेरी के बारे में अब तक यह नहीं बताया कि उससे जुड़े हुए दस्तावेज क्या हैं और ना ही अदालत को उन दस्तावेजों के बारे में कोई जानकारी दी.


सीबीआई ने अदालत को दिखाए दस्तावेज
कपिल सिब्बल की दलीलों का विरोध करते हुए सीबीआई के वकील तुषार मेहता ने अदालत को कुछ ई मेल और दस्तावेज़ दिखाए जिसके आधार पर यह बताने की कोशिश की कि इस वक्त जांच में यह दस्तावेज काफी अहम है और इसी को लेकर चिदंबरम से पूछताछ करनी है.


चिदंबरम को दोहरा झटका
आखिरकार करीबन 30 मिनट तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने पी चिदंबरम को 30 अगस्त तक के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया. गौरतलब है कि पहले भी अदालत पी चिदंबरम को 4 दिनों के लिए सीबीआई हिरासत में भेज चुकी थी. इससे पहले पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लग चुका था क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत वाली अर्जी पर राहत देने से साफ इनकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्योंकि अब पी चिदंबरम सीबीआई की हिरासत में है लिहाजा अग्रिम जमानत का तो सवाल ही नहीं उठता और अगर चिदंबरम चाहे तो निचली अदालत में ही जमानत याचिका दायर कर राहत की मांग कर सकते हैं.


चिदंबरम को सीबीआई ने जोरबाग स्थित उनके आवास से 21 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था. उन्हें 22 अगस्त को अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें चार दिनों की सीबीआई हिरासत में सौंप दिया था. चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. यह मंजूरी 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी.


इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2017 में इस सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था. इस मामले में गिरफ्तारी से छूट के लिए चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उनकी याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने आज उन्हें थोड़ी राहत दी और गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि मंगलवार तक के लिये बढ़ा दी.


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