नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई आज भी दिल्ली हाईकोर्ट में जारी रहेगी. सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ जो मामला है वह साल 2007 का है. इस मामले में अब सबूतों और गवाहों के साथ छेड़छाड़ की कोई आशंका नहीं है. लिहाज़ा चिदंबरम को जमानत दे दी जानी चाहिए.


वहीं जांच एजेंसी का कहना है कि ये एक ऐसा मामला है जहां पर एक उच्च पद पर बैठे शख्स ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पैसों की हेराफेरी की है. लिहाज़ा इनको किसी भी तरह की राहत नहीं दी जानी चाहिए. गौरतलब है कि पी चिदंबरम फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं.


उधर सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की ‘निरंतर हिरासत’ पर सोमवार को चिंता व्यक्त की और सवाल किया. उन्होंने कहा कि जिस प्रस्ताव को मंजूरी देने में जब अधिकारियों ने कोई गलती नहीं है तो फिर चिदंबरम पर बतौर वित्त मंत्री अपराध करने का आरोप कैसे लगाया जा सकता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक मंत्री को ही किसी सिफारिश को मंजूरी देने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा तो सम्पूर्ण सरकारी प्रणाली ध्वस्त हो जाएगी.


बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ तिहाड़ जेल पहुंचकर चिदंबरम से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद मनमोहन सिंह ने एक बयान में कहा, ''हम अपने सहयोगी पी चिदंबरम की निरंतर हिरासत से चिंतित हैं.'' इस मुलाकात के दौरान चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम भी मौजूद रहे. इसके कुछ देर बाद ही पी चिदंबरम के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह का आभार प्रकट किया गया. इसके साथ ही चिदंबरम ने लिखा "बेरोजगारी, कम वेतन, भीड़ हिंसा, कश्मीर में तालाबंदी, मौजूदा नौकरियों के खत्म होने और विपक्षी नेताओं को जेल में डालने के अलावा भारत में सब अच्छा है."