नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम की हाई कोर्ट में दायर की गई उस याचिका पर आज सुनवाई हो सकती है जिसमें पी चिदंबरम ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसके तहत उन को न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया है. पी चिदंबरम ने अपनी अर्जी में कहा है कि उनकी न्यायिक हिरासत गैरकानूनी है. अर्जी में कहा गया है इस मामले में पी चिदंबरम से पूछताछ पूरी हो चुकी है, लिहाजा उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है. आईएनएक्स मीडिया केस में चिदंबरम 19 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में हैं.


पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को पिछले गुरुवार को अदालत में पेश किया गया था, जहां विशेष सीबीआई जज कुहर ने उन्हें 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया था. अदालत ने चिदंबरम द्वारा दायर किए गए आवेदनों को भी स्वीकार कर लिया था. सॉलिसीटर जनरल ने आश्वासन दिया था कि जेल में चिदंबरम के लिए पर्याप्त सुरक्षा होगी. चिदंबरम की जेड सुरक्षा का ख्याल रखते हुए अदालत ने उन्हें अलग कोठरी में रखने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने कहा था कि जेल में चिदंबरम को दवाइयां दी जाएं और जेल में उन्हें वेस्टर्न टॉयलेट मिले.


क्या है मामला?


आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में सीबीआई ने 15 मई 2017 को दर्ज एक एफआईआर में आरोप लगाया था कि 2007 में वित्त मंत्री चिदंबरम के कार्यकाल में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ का निवेश प्राप्त करने के लिये एफआईपीबी की मंजूरी देने में अनियमिततायें की गयीं. जांच ब्यूरो की एफआईआर के बाद ईडी ने भी 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.


दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई और ईडी के मामलों में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. चिदंबरम ने दोनों ही आदेशों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. लेकिन चूंकि इसके बाद चिदंबरम की गिरफ्तारी हो गयी थी, इसलिए न्यायालय ने सीबीआई के मामले में दायर अपील को निरर्थक करार देते हुये उसका निस्तारण कर दिया था.


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