नई दिल्ली: INX मीडिया मामले में आरोपी पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. दिल्ली हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद आज देर शाम उनके घर सीबीआई की टीम पहुंची, लेकिन सीबीआई को यहां से खाली हाथ लौटना पड़ा. दरअसल पूर्व वित्त मंत्री घर पर मौजूद नहीं थे.


सीबीआई ने चिदंबरम के स्टाफ से पूछताछ की है. सीबीआई की टीम शाम 6.30 बजे चिदंबरम के आवास पहुंची थी और उनके घर पर नहीं मिलने के 10 मिनट के बाद चली गई. इसके बाद ईडी की टीम 7.30 बजे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के घर पहुंची. फिलहाल वह कहां है इसकी कोई खबर नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उनका  मोबाइल फोन भी इस वक्त स्विच ऑफ आ रहा है.





दिल्ली हाई कोर्ट से झटका


आज पी. चिदंबरम को दिल्ली हाई कोर्ट से उस वक्त झटका लगा जब उनकी अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया. इतना ही नहीं कोर्ट ने उनकी तीन दिन की मोहलत वाली अर्जी भी खारिज कर दी. अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अब तक सामने आए तथ्यों के आधार पर तो ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता पी चिदंबरम पूरे मामले में किंगपिन ( सरगना) की भूमिका में थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे.


सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई


हाई कोर्ट से झटके के बाद चिदंबरम के सहयोगी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया. अब कल सुप्रीम कोर्ट  में इस मामले में सुनवाई होगी. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए संविधान पीठ में बैठे होंगे, इसलिए सुबह 10:30 बजे याचिका का उल्लेख उस वरिष्ठतम न्यायाधीश के समक्ष किया जाएगा जो संविधान पीठ में नहीं हैं. बता दें कि चिदंबरम के तीन वकील मित्र और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में वहां मौजूद थे.


क्या है पूरा मामला


बता दें कि ये मामला 2007 का है जब यूपीए 1 सरकार के दौरान पी चिदंबरम देश के वित्तमंत्री थे और आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड यानी एफआईपीबीई से आईएनएक्स मीडिया को गैरकानूनी रूप से स्वीकृति दिलाने के लिए 305 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गयी थी. इससे पहले इस मामले में अभी तक चिदंबरम को कोर्ट से करीब 2 दर्जन बार अंतरिम राहत मिल चुकी थी. वहीं जांच एजेंसी सीबीआई पहले ही चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को पहले ही इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है और फिलहाल वो ज़मानत पर बाहर हैं.


इस मामले में अहम मोड़ तब आया जब इंद्राणी मुखर्जी जिनको पहले जांच एजेंसी ने आरोपी बनाया था, उन्होंने सरकारी गवाह बनने की अर्ज़ी लगा दी जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और इंद्राणी इस मामले में सरकारी गवाह बन गईं. 2017 में सीबीआई ने इस मामले में फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से मिली स्वीकृति में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज की है. जबकि जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया हुआ है.


यह भी पढ़ें