नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम 106 दिन बाद जेल से बाहर आ गए हैं. उन्होंने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि 106 दिनों तक कैद में रखने के बावजूद मेरे खिलाफ एक भी आरोप तय नहीं किया गया. उन्होंने कहा, ''मैं खुश हूं कि उच्चतम न्यायालय ने मुझे जमानत देने का आदेश दिया. मुझे खुशी है कि मैं 106 दिनों के बाद बाहर आ गया और खुली हवा में सांस ले रहा हूं."
चिदंबरम तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने उनके घर 10 जनपथ पहुंचे. चिदंबरम के स्वागत के लिए तिहाड़ जेल के बाहर सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस समर्थक मौजूद रहे. इस दौरान सांसद और उनके बेटे कार्ति भी मौजूद रहे.
कार्ति ने कहा कि लंबा इंतजार रहा. मैं सुप्रीम कोर्ट का शुक्रगुजार हूं कि उसने उन्हें जमानत दी. मैं सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत पूरे कांग्रेस नेतृत्व का आभारी हूं जिन्होंने हमारा सहयोग किया.
आज ही पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि चिदंबरम उसकी अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते हैं. न्यायालय ने यह भी कहा कि वह मीडिया से बात नहीं कर सकते है और वह गवाहों को न तो प्रभावित करेंगे और न ही सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे.
जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस ऋषिकेश राय की पीठ ने पूर्व वित्त मंत्री को जमानत देने से इंकार करने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त कर दिया. पीठ ने कहा कि 74 वर्षीय चिदंबरम को दो लाख रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की दो जमानतें पेश करने पर रिहा किया जाये.शीर्ष अदालत ने कहा कि हालांकि आर्थिक अपराध गंभीर किस्म के होते हैं लेकिन जमानत संबंधी बुनियादी न्याय शास्त्र वही है कि आरोपी को जमानत देना नियम है और इससे इंकार अपवाद है.
चिदंबरम द्वारा साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ किये जाने की संभावना से इंकार नहीं किये जाने संबंधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलील के बारे में पीठ ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति में अपीलकर्ता न तो राजनीतिक ताकत है और न ही सरकार में किसी पद पर है, जिससे वह हस्तक्षेप करने की स्थिति में हो. इस स्थिति में पहली नजर में इस तरह के आरोप स्वीकार नहीं किये जा सकते.’’
चिदंबरम को पहली बार आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था. इस मामले में उन्हें शीर्ष अदालत ने 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी. इसी दौरान 16 अक्टूबर को ईडी ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले से मिली रकम से संबंधित धन शोधन के मामले में चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था.
सीबीआई ने 2007 में बतौर वित्त मंत्री चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा 305 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दिये जाने में कथित अनियमितताओं को लेकर 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
इस बीच, कांग्रेस ने आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता चिदंबरम को जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सच की आखिरकार जीत हुई. पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, ‘‘सच्चाई की आखिरकार जीत हुई. सत्यमेव जयते.’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता चिदंबरम को कई दिनों तक हिरासत में रखने को बदले की कार्रवाई बताया. गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘मैं खुश हूं कि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें जमानत दी. मुझे पूरा भरोसा है कि वह निष्पक्ष सुनवाई में स्वयं को निर्दोष साबित करेंगे.’’