Wrestlers Protest: कुश्ती संघ का काम देखने के लिए ओलंपिक एसोसिएशन ने बनाई कमेटी, पहलवानों के प्रदर्शन पर क्या बोलीं IOA की चीफ?
WFI Ad-Hoc Committee: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बीच कुश्ती महासंघ का कामकाज देखने के लिए दो सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया गया है.
Wrestling Federation of India Ad-Hoc Committee: पहलवानों के धरना प्रदर्शन के बीच गुरुवार (27 अप्रैल) को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का काम देखने के लिए दो सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन कर दिया. IOA कार्यकारी परिषद के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा और संघ की उत्कृष्ट योग्यता वाली खिलाड़ी सुमा शिरूर को इस दो सदस्यीय समिति में शामिल किया गया है. इस अस्थाई समिति जरिये ये दो लोग फिलहाल कुश्ती महासंघ के कार्यालय की जिम्मेदारी देखेंगे.
कमेटी लेगी कुश्ती महासंघ के चुनाव की तारीख का फैसला
भविष्य में होने वाले चुनाव के लिए इस कमेटी में हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज को भी शामिल किया जाएगा, जिनकी निगरानी में चुनाव संपन्न होगा. यह कमेटी खिलाड़ियों के चयन और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करेगी. वहीं, 7 मई को होने वाले कुश्ती महासंघ के चुनाव को स्थगित कर दिया गया है. चुनाव की नई तारीख एडहॉक कमेटी ही तय करेगी. गुरुवार को ये सभी फैसले पीटी उषा की अध्यक्षता में की गई इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के क्रिकेट काउंसिल की बैठक में लिए गए.
पहलवानों के धरना प्रदर्शन पर ये बोलीं पीटी उषा
बैठक के दौरान पीटी उषा ने पहलवानों की ओर से धरना प्रदर्शन को कथित राजनीतिक रंग देने की कोशिश पर निराशा जताई. उन्होंने कहा, “विरोध करने वाले प्रसिद्ध पहलवान हैं, जिन्होंने देश का नाम रोशन किया है. हमारे खेल और खिलाड़ियों के हितों और हमारे देश की छवि की रक्षा करने की उनकी समान जिम्मेदारी है. हालांकि, वे (पहलवान) धरने पर बैठे हैं, सभी राजनीतिक दलों को उनके साथ शामिल होने के लिए कह रहे हैं, ये मेरे लिए निराश करने वाला कदम हैं.''
क्यों धरना दे रहे हैं पहलवान?
बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पहलवानों को धमकाने के आरोप लगे हैं. विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसे देश के कई स्टार पहलवान डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. तीन महीने बाद पिछले 23 अप्रैल को पहलवानों ने दोबारा धरना प्रदर्शन शुरू किया था. उनका कहना है कि तीन महीने तक निराशा हाथ लगने के बाद वे प्रदर्शन को मजबूर हुए हैं.
ओलंपिक संघ का कहना है कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ आरोपी की जांच अभी पूरी नहीं हुई है. वहीं, सरकार ने आरोपों निगरानी पैनल के जरिये जो जांच कराई, उसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है.
पीटी उषा ने प्रदर्शनकारी पहलवानों पर लगाया अनुशासनहीनता का आरोप
गुरुवार को ही पीटी उषा ने पहलवानों के धरना प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अनुशासनहीनता बताया. उन्होंने कहा कि IOA के पास यौन उत्पीड़न की शिकायत के लिए एक समिति है. सड़कों पर जाने के बजाय पहलवान पहले ओलंपिक संघ के पास आ सकते थे, लेकिन वे नहीं आए, जोकि पहलवानों और खेलों के लिए अच्छा नहीं है. उन्हें कुछ अनुशासन रखना चाहिए. पीटी उषा की इस टिप्पणी पर धरना देने वाले पहलवानों हैरानी जताई.
यह भी पढ़ें- Wrestlers Protest: कैमरे पर रो पड़ीं साक्षी मलिक, कहा- एक महिला होकर अगर वो ये बात...