वसूली मामले में IPS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी की बढ़ीं मुश्किलें, कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका
याचिका में त्रिपाठी ने कहा था कि उन पर गलत आरोप लगाए गए हैं, जो भी वसूली हुई होगी वो पुलिस स्टेशन के स्तर पर हुई होगी और जब यह एफआईआर दर्ज की गई, तब उनका नाम आरोपी के तौर पर नहीं लिखा गया था.
मुंबई में अंगड़िया व्यापारियों से कथित वसूली के आरोप में फरार आरोपी IPS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. गिरफ्तारी से बचने के लिए त्रिपाठी ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. याचिका में त्रिपाठी ने कहा था कि उन पर गलत आरोप लगाए गए हैं, जो भी वसूली हुई होगी वो पुलिस स्टेशन के स्तर पर हुई होगी और जब यह एफआईआर दर्ज की गई, तब उनका नाम आरोपी के तौर पर नहीं लिखा गया था.
महाराष्ट्र सरकार ने कर दिया था निलंबित
बता दें कि दिसंबर 2021 में अंगड़िया एसोसिएशन ने मुंबई पुलिस के सीनियर अधिकारी को शिकायत की थी, जिसमें कहा था कि त्रिपाठी उनसे पैसों की मांग कर रहे हैं. इन गंभीर आरोपों के बाद ही त्रिपाठी को महाराष्ट्र सरकार ने निलंबित कर दिया था. सूत्रों ने बताया कि त्रिपाठी ने उनके खिलाफ चल रही प्रारंभिक जांच के दौरान जांच अधिकारी को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग, पेन ड्राइव में सौंपी थी, जिसमें दावा किया गया था कि अंगड़िया उनसे मिलने आए थे और उस मीटिंग में उन लोगों ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई ना हो इसके लिए रिश्वत देने की बात कही थी.
अंगड़िया पर छापे मारने के लिए कहा था
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच को शक है कि त्रिपाठी ने पैन ड्राइव में जो ऑडियो रिकॉर्डिंग दी थी, वो टेम्पर्ड हो सकती है. सीआईयू ने यह भी पाया कि त्रिपाठी ने एलटी मार्ग के पुलिस अधिकारियों को कथित तौर पर अंगड़िया पर छापे मारने के लिए कहा, ताकि वो अंगड़िया पर दबाव बना सके और उनसे महीने के 10 लाख रुपये वसूली के रूप में ले सके.
महीने के 10 लाख मांगने के आरोप
सूत्रों के अनुसार, एडिशनल कमिश्नर (साउथ रीजन) दिलीप सावंत की ओर से की गई प्रारंभिक जांच के दौरान त्रिपाठी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, क्योंकि अंगड़िया ने उनके खिलाफ शिकायत की थी कि वह उनसे महीने के 10 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं.
त्रिपाठी ने सभी आरोपों से किया इनकार
सावंत के सामने अपना बयान दर्ज कराते हुए त्रिपाठी ने सभी आरोपों से इनकार किया और अपने बचाव में एक ऑडियो रिकॉर्डिंग दी, जिसके द्वारा वो यह साबित करना चाहते थे कि अंगड़िया के समूह ने उनसे मुलाकात की और कथित तौर पर उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्थानीय पुलिस स्टेशनों की ओर से उनके (अंगड़िया के खिलाफ) किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने के लिए महीने के हिसाब से रिश्वत की बात की.
ऑडियो की सत्यता पर सवाल
क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जो ऑडियो रिकॉर्डिंग त्रिपाठी ने दिए थे वो टेंपर की गई हो सकती है या फिर उसे एक स्क्रिप्ट की तरह बनाया गया है, ताकि इसके आधार पर त्रिपाठी अपना बचाव कर सके. इसी वजह से क्राइम ब्रांच फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद लेने के बारे में सोच रहे हैं, ताकि इस ऑडियो की सत्यता का पता लगाया जा सके. वहीं, अंगड़िया से जुड़े लोगों ने भी एक ऑडियो क्लिप मुंबई पुलिस को सौंपी है, जिसमें आरोप लगाया गया कि त्रिपाठी अंगड़िया व्यापारियों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें उनकी शिकायत वापस लेने को बोल रहे हैं.
त्रिपाठी को फरार घोषित किया गया
त्रिपाठी के खिलाफ जबरन वसूली की जांच कर रही सीआईयू को त्रिपाठी की ओर से हवाला का इस्तेमाल कर पैसे एक जगह से दूसरे जगह भेजने का ट्रेल मिला है, जिसके बाद ही त्रिपाठी को फरार घोषित किया गया.
59 लाख रुपये मुंबई से ट्रांसफर किए
सूत्रों ने बताया कि नवंबर 2021 से लेकर जनवरी 2022 तक त्रिपाठी ने हवाला नेटवर्क का इस्तेमाल कर लगभग 59 लाख रुपये मुंबई से ट्रांसफर किए हैं, जिसमें से 19.5 लाख रुपये इस मामले से जुड़े हैं, बाकी के पैसे किसी और मामले से जुड़े होने का अनुमान लगाया जा रहा है. क्राइम ब्रांच ने यह भी बताया कि वो सिर्फ अंगड़िया की इसी शिकायत के आधार पर जांच कर रहे थे, लेकिन जांच के दौरान उन्हें एक ऐसा गवाह मिला, जिसने नवंबर में भी त्रिपाठी के कहने पर पैसे भेजने की बात कही, जिसके बाद नवंबर महीने के ट्रांजेक्शन की जांच की गई, तो 40 लाख रुपये के बारे में जानकारी मिली.
30 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए
क्राइम ब्रांच ने अब तक 30 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिसने अंगड़िया व्यापारी और पुलिस वालों का समावेश है. क्राइम ब्रांच ने क्राइम ब्रांच के एसीपी का बयान भी दर्ज किया, जो कि उस समय एलटी मार्ग के सीनियर पीआई हुआ करते थे. उन्होंने अपने बयान में बताया कि उन्हें इस वसूली के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
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