मुंबई पुलिस में कार्यरत IPS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी पर लगे वसूली के आरोपों के बाद उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी जिसके बाद अब उन्होंने अपने आपको गिरफ्तारी से बचाने के लिए सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.


सूत्रों ने बताया की त्रिपाठी ने अग्रिम जमानत याचिका में कहा है कि उनका नाम पहले FIR में नहीं था और उन्हें इस बात की तनिक भी जानकारी नहीं थी की पुलिस स्टेशन के स्तर पर अंगड़िया से पैसों की वसूली की जा रही है. त्रिपाठी की इस याचिका को कोर्ट अब 23 तारीख को सुनेगा जिसके बाद कोर्ट अपना इस बात पर फैसला सुना सकती है कि त्रिपाठी को गिरफ्तारी से राहत देनी चाहिए या नही. 


आपको बता दें की इस मामले में मुंबई की क्राइम ब्रांच में 3 पुलिस अधिकारियों को गिरफ़्तार किया गया है जो की एलटी मार्ग पुलिस थाने में पोस्टेड थे. इस मामले में सीआईयू ने PI ओम वनगाटे, API नितिन कदम और PSI समाधान जमदाड़े को गिरफ़्तार किया है. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 16 मार्च को अपनी रिमांड में त्रिपाठी को वांटेड बताया था.


क्या था आरोप?


क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया की अंगड़िया एसोसिएशन ने पिछले साल 7 दिसंबर को मुंबई के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को शिकायत दी थीय उस शिकायत में कहा गया कि IPS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी, डीसीपी जोन 2 ने अंगडिया को उसका काम सुचारू रूप से चलाने के लिए 10 लाख रुपये की मासिक रिश्वत दे रहे थे.


त्रिपाठी को निलंबित करने का भेजा है प्रस्ताव


मुंबई पुलिस ने त्रिपाठी को निलंबित करने का प्रस्ताव महाराष्ट्र के गृहविभाग को भेजा है. पुलिस ने अपने प्रस्ताव में आरोप लगाया गया है की त्रिपाठी के खिलाफ लग रहे वसूली के आरोप की जांच को वो प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.


त्रिपाठी पर आरोप है कि वो इस मामले से जुड़े अंगड़िया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे. त्रिपाठी पर आरोप है कि वो उन्हें उनकी शिकायत वापस लेने को कह रहे थे. सूत्रों ने बताया की त्रिपाठी और अंगड़िया के बीच हुई इस बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग मुंबई पुलिस को मिली है. यह कॉल रिकॉर्डिंग अंगड़िया (शिकायतकर्ता) ने खुद मुंबई पुलिस के सीनियर अधिकारियों को दिया था.


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