मुंबई की कुलाबा पुलिस ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ महा विकास अघाड़ी सरकार से जुड़े नेताओं के कथित फोन टैपिंग का मामला दर्ज किया था. इसी मामले में पुलिस कोई ठोस कदम ना उठाए इसलिए रश्मि शुक्ला ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने मामले में शुक्ला को बड़ी राहत दी और कुलाबा पुलिस से कहा कि वे 01 अप्रैल तक उनके (शुक्ला) खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं करे.


गैर-कानूनी तरीके से फोन टैप करने का आरोप


कोर्ट ने शुक्ला को मामले के जांच अधिकारी को सहयोग करने के निर्देश दिए हैं और जांच में सहयोग करने के लिए शुक्ला को जांच अधिकारी के सामने 16 मार्च और 23 मार्च को 11 से 1 बजे के बीच उपस्थित रहने को कहा है. बता दें कि शुक्ला पर आरोप है कि जब वो एसआईडी की चीफ थीं, तब उन्होंने शिवसेना नेता संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ खडसे का कथित तौर से गैर-कानूनी तरीके से फोन टैप किया था.


टेलीग्राफ एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था


एक अधिकारी ने बताया कि इस आरोप के बाद उनके खिलाफ मुंबई के कुलाबा पुलिस स्टेशन में स्पेशल ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर राजीव जैन की शिकायत पर टेलीग्राफ एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था. बता दें कि इसके पहले शुक्ला के खिलाफ पुणे के बंडगार्डन पुलिस स्टेशन में टेलीग्राफ एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था. उस एफआईआर में आरोप था कि जब वो पुणे पुलिस कमिश्नर थीं, तब उन्होंने कुछ फोन टैप किए थे. शुक्ला को इस मामले में भी कोर्ट से राहत मिली है.


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