नई दिल्ली: गुरूवार को ईरान के रक्षा मंत्री भारत के दौरे पर आ रहे हैं. मौका होगा बेंगुलरू में एयरो-इंडिया शो में हिंद महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन का, जिसमें ईरान के रक्षा मंत्री, ब्रिगेडियर आमिर हातमी शिरकत करेंगे. ईरान के रक्षा मंत्री ऐसे समय में भारत आ रहे हैं जब इजरायली एंबेसी के बाहर हुए बम-धमाके की जांच नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी यानि एनआईए को सौंप दी गई है.


मंगलवार को एयरोइंडिया शो की कर्टन-रेज़र प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव, संजय जाजू ने ईरान के रक्षा मंत्री की बेंगलुरू में उपस्थिति की तस्दीक की. ईरान के रक्षा मंत्री के बाबत सवाल एबीपी न्यूज ने ही रक्षा मंत्री से पूछा था, जिसका जवाब संयुक्त सचिव ने दिया.


दरअसल, 4 फरवरी को एयरो-इंडिया के दौरान ही भारत ने हिंद महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया है. क्योंकि, ईरान भी आईओआर (इंडियन ओसियन रिजन) का हिस्सा है इसलिए ईरान के रक्षा मंत्री खुद इस सम्मेलन में शिरकत करने के लिए भारत आ रहे हैं. आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस से लौटते हुए ईरान में रूके थे और आमिर हातमी से मुलाकात की थी. उस दौरान दोनों देशों ने अफगानिस्तान सहित पूरे क्षेत्र में शांति स्थापित करने पर जोर दिया था.


ईरान के रक्षा मंत्री की भारत यात्रा पर इसलिए सबकी निगाहें टिकी हैं क्योंकि 29 फरवरी को राजधानी दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर हुए बम-धमाके के तार ईरान से जुड़ते दिख रहे हैं. इ‌सका कारण है, धमाके वाले स्पॉट से एक पत्र मिलना, जो इजरायली एंबेसडेर के लिए था और जिसमें ईरान के कमांडर सुलेमानी और एक परमाणु वैज्ञानिक की हत्या का इजरायल से बदला लेने की बात कही गई है. दुनियाभर में ईरान और इजरायल की दुश्मनी जगजाहिर है. वर्ष 2012 में राजधानी दिल्ली में इजरायली राजनयिक की कार पर हुए हमले के तार भी ईरान से जुड़े पाए गए थे.


लेकिन गौरतलब है कि ईरान और इजरायल, दोनों ही भारत के मित्र-देश है. इसीलिए, अतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है.


शुरूआती जांच में दिल्ली पुलिस ने इजरायली दूतावास के बाहर हुए धमाके में किसी शरारती तत्व पर शक जताया था. दरअसल, जानकार मानते हैं कि ऐसे समय में जब ईरान के रक्षा मंत्री भारत आ रहे हैं तो क्या ईरान भारत की धरती पर कोई आतंकी हमले जैसी कार्रवाई कर सकता है, थोड़ा अटपटा लगता है.


बहरहाल, क्या वाकई में इस बम धमाके में ईरान का हाथ है या किसी तीसरे देश का या फिर किसी शरारती तत्व का, इस सबकी जांच अब देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी, एनआईए के पास है. जांच के बाद ही सही नतीजे पर पहुंचा जा सकता है.


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आईओआर में कुल 28 देश हैं, और सभी देशों को इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है. इस सम्मेलन में कुल 19 देशों के रक्षा मंत्री और उनके प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे तो 09 देश वर्चुअली हिस्सा लेंगे.


इस बीच कर्टन रेजर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अब मित्र-देशों के लिए हथियारों का नेट-एक्सपोर्टर बनना चाहता है. एयरो-इंडिया के दौरान भारत अपने हथियार, मिसाइल, फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर्स की प्रदर्शनी कर उन्हें दुनिया को दिखाना चाहता है.


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