UAE के अल दफा एयरबेस से पांच भारतीय राफेल लड़ाकू विमानों ने अंबाला एयरबेस के लिए उड़ान भर ली है. लेकिन इससे पहले अल दफा एयरबेस पर दो ईरानी मिसाइल गिरने से सनसनी फैल गई. ये ईरानी मिसाइल उस जगह गिरीं हैं, जहां अमेरिका, फ्रांस और यूएई तीनों देशों के एयरबेस हैं. इस घटना के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है. भारतीय विमानों को भी उड़ान के दौरान अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है. हालांकि इस घटना से राफेल विमानों को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
माना जा रहा है कि ईरान की सेना एक अभ्यास कर रही थी. इसी दौरान ये मिसाइलें अल दफा एयरबेस के पास आकर गिर गईं. भारतीय राफेल पूरी तरह से सुरक्षित है, जल्द ही अंबाला एयरबेस पर इनकी लैंडिंग होगी.
भारत-चीन गतिरोध के बीच वायुसेना को मिलेगी राफेल की ताकत
भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज 36 राफेल लड़ाकू विमानो में से पांच विमान शामिल हो जाएंगे, जिससे देश की वायु शक्ति में जरूरी ताकत का इजाफा होगा. राफेल लड़ाकू विमान मेटेओर, स्कैल्प और मिका जैसे विजुअल रेंज मिसाइलों से सुसज्जित है, जोकि दूर से ही अपने लक्ष्य को भेद सकती हैं.
भारत-चीन की वायु शक्ति की बात करें तो, पश्चिमी कमांड में, चीन की पीएलए वायुसेना ने 157 लड़ाकू विमान और 20 जीजे-1 डब्ल्यूडी-1के को तैनात किया है. चीन दावा करता है कि इसके घर में बने जे-10सी और जे-16 लड़ाकू विमान, रूस में बने मिग-29, सु-30एस और फ्रांस में बने मिराज 2000 जेट से ज्यादा उन्नत हैं. चीन का यह भी दावा है कि जे-20 लड़ाकू विमान के पास भारतीय लड़ाकू विमान के मुकाबले पीढ़ीगत लाभ है और इस गैप को किसी भी तरह भरपाना मुश्किल है. वहीं दूसरी ओर भारत दावा करता है कि मिराज 2000 और सुखोई 30 चीन के जे10, जे11 और सु-27 विमानों से अधिक ताकतवर हैं.
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