मुश्किल में ट्रेन-18, IRCTC ने किया खाने की सर्विस देने से इंकार
अपनी पहली यात्रा से पहले ही विवादों में घिरी बहुचर्चित ट्रेन सेट 18 के साथ अब एक नया विवाद जुड़ गया है. आईआरसीटीसी के सीएमडी एमपी मल ने बताया कि ट्रेन-18 की आंतरिक डिज़ाइन में कैटरिंग सर्विस का कोई ध्यान नहीं रखा गया है.
नई दिल्लीः रेलवे की बहुचर्चित ट्रेन-18 का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा. पहले इसे 29 दिसम्बर को प्रधानमंत्री मोदी के हाथों हरी झंडी दिखाई जानी थी लेकिन ये अत्याधुनिक नई ट्रेन सुरक्षा मानकों को पास नहीं कर पाई. अब आईआरसीटीसी ने भी इस ट्रेन पर खाने की सर्विस देने से इंकार कर दिया है.
अपनी पहली यात्रा से पहले ही विवादों में घिरी बहुचर्चित ट्रेन सेट 18 के साथ अब एक नया विवाद जुड़ गया है. आईआरसीटीसी के सीएमडी एमपी मल ने बताया कि ट्रेन-18 की आंतरिक डिज़ाइन में कैटरिंग सर्विस का कोई ध्यान नहीं रखा गया है. ट्रेन-18 में इतनी भी जगह नहीं छोड़ी गई है कि यात्रियों को परोसा जाने वाला खाना स्टोर किया जा सके.
इसमें खाना बनाना तो दूर की बात है अगर बाहर से खाना ला कर दिया जाय तो भी उसे थोड़ी देर रखने के लिए जगह चाहिए जो कि ट्रेन-18 में नहीं है. ऐसे में इसे सिर्फ़ बाथरूम के पास ही रखा जा सकता है जो कि उचित नहीं होगा.
ऐसे में आईआरसीटीसी ने साफ़ कर दिया कि वो वर्तमान हालत में खाना सर्व नहीं कर सकते. आईआरसीटीसी ने ट्रेन में खाना रखने की जगह बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं. पहले ही ट्रायल के कई दौर से गुज़र रही ट्रेन-18 के आंतरिक डिज़ाइन में भी अब रेलवे को आईआरसीटीसी के अनुसार बदलाव करना होगा. पहले ही ट्रायल के कई दौर से गुज़र रही ट्रेन-18 के आंतरिक डिज़ाइन में भी अब रेलवे को आईआरसीटीसी के अनुसार बदलाव करना होगा. साफ़ है कि ट्रेन सेट 18 में कैटरिंग के पहलू पर ज़्यादा गौर नहीं किया गया जिसका नतीजा है कि इस वर्ल्ड क्लास ट्रेन में खान पान के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. इसमें खाने को सुरक्षित और साफ तरीके से स्टोर करने को लेकर पर्याप्त जगह नहीं. यही नहीं रेल मुसाफिरों को खाना परोसने को लेकर भी जगह की कमी है. इसके चलते ट्रेन सेट 18 में कैटरिंग को लेकर डिज़ाइन में बदलाव करने पर ज़ोर दिया जा रहा है. आईआरसीटीसी ने डिज़ाइन में इस खामी और कैटरिंग को लेकर आने वाली दिक्कत के बारे में मंत्रालय और कोच फैक्ट्री को कह भी दिया है. आईआरसीटीसी ने आपत्ति जताई की ट्रेन सेट 18 में राजधानी के मुकाबले कैटरिंग के लिए एक तिहाई हिस्सा भी नहीं है जिसके चलते खाना स्टोर करने से लेकर परोसने तक मे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आईसीएफ यानी वो कोच फैक्ट्री जिसमें ट्रेन सेट 18 बनाई है, उसने अगले ट्रेन में इस बड़ी दिक्कत को दूर करने के लिए डिज़ाइन में बदलाव करने का आश्वासन दे दिया है. वहीं इस पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 'सुझाव आते रहते हैं इस सुझाव का भी स्वागत है'. लेकिन सवाल ये है कि इतनी महत्वपूर्ण ट्रेन को डिज़ाइन करते समय आईआरसीटीसी को प्लानिंग का हिस्सा क्यों नहीं बनाया गया. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पहले ही ये साफ़ कर दिया है कि ये ट्रेन दिल्ली से बनारस के बीच ही शुरू की जाएगी. रेल मंत्री ने बताया कि अभी रेलवे सेफ़्टी कमिश्नर ने कुछ सुधार करने के लिए सुझाव दिए हैं जिनका पालन करने के बाद प्रधानमंत्री से समय लिया जाएगा. इसके बाद ही ट्रेन-18 की शुरुआत की तारीख़ घोषित होगी. बता दें कि ट्रेन-18 देश की पहली ऐसी ट्रेन है जिसमें अलग से कोई इंजन नहीं होगा बल्कि इसके कुछ कोच के नीचे ही पावर किट लगी होगी जिससे ट्रेन को चलाया जाएगा. Kumbh Mela 2019: ट्रेन 18 को कुंभ मेले से पहले चलाने की तैयारी, यात्रियों को होगा फायदा देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन 18 पर दिल्ली आगरा रूट पर पथराव