रेल से सफर के लिए अब देना होगा डेस्टिनेशन का पता, जरूरत पड़ने पर की जाएगी ट्रैसिंग
रेलवे ने 30 जून तक के सभी टिकट भी कैंसिल कर दिए हैं. रेलवे ने यात्रियों को टिकट का रिफंड भी लौटा दिया है. रेलवे अभी तक ग्राहकों को 1490 करोड़ रुपये लौटा चुका है.
रेलवे ने आईआरसीटीसी वेबसाइट पर टिकट बुक कराने वाले सभी यात्रियों के गंतव्य स्थलों के पतों का रिकॉर्ड रखना शुरू कर दिया है, ताकि यदि बाद में उनमें कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होती है तो उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जा सके. अधिकारियों ने गुरुवार 14 मई को बताया कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर गंतव्य स्थल के पते को शामिल करने का प्रावधान 13 मई से किया गया है.
रेलवे के प्रवक्ता आरडी बाजपेई ने कहा, ‘‘13 मई से आईआरसीटीसी से टिकट बुक करा रहे सभी यात्रियों के गंतव्य स्थलों का पता ले रहा है. यदि बाद में आवश्यकता पड़ी, तो यात्रियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में इससे मदद मिलेगी.’’ उन्होंने कहा कि यह निकट भविष्य में भी लागू रहेगा.
बाजपेई ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए यात्रियों को किसी भी बुकिंग के लिए अपने पते की जानकारी मुहैया करानी होगी. इससे पहले, ट्रेनों में यात्रा करने वाले कम से कम 12 लोग बाद में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे.
30 जून तक के सभी टिकट कैंसिल, यात्रियों को भेजा रिफंड
देश में सामान्य रेलवे सेवा अभी शुरू नहीं होगी. रेलवे ने 30 जून या उससे पहले यात्रा करने के लिए बुक किए गए सभी टिकटों को कैंसिल कर दिया है. 30 जून तक बुक किए गए सभी टिकटों का रिफंड कर दिया गया है. हालांकि सभी स्पेशल और श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने समयनुसार चलती रहेंगी. रेलवे ने इससे पहले 17 मई तक ट्रेनों के टिकट कैंसिल किए थे. अब रेलवे ने 30 जून तक सभी टिकटों को कैंसिल करने का ऐलान किया है.
दरअसल, देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को खत्म हो रहा है. 12 मई को अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन के चौथे चरण के भी संकेत दे चुके हैं. 18 मई से लॉकडाउन-4 शुरू होने की पूरी संभावना है.
रेलवे ने अबतक 1490 करोड़ रुपये ग्राहकों को लौटाए
लॉकडाउन से पहले बुक किए गए 94 लाख टिकट रेलवे ने कैंसिल किए और 1490 करोड़ रुपये ग्राहकों को वापस किए हैं. लॉकडाउन के पहले चरण में 22 मार्च से 14 अप्रैल के बीच योजनाबद्ध तरीके से 830 करोड़ रुपये वापस किए गए.
25 मार्च को लॉकडाउन की शुरुआत से तीन दिन पहले 22 मार्च से ही नियमित यात्री सेवाओं समेत सभी गैर-जरूरी ट्रेनों को निलंबित कर दिया गया था. अब जो टिकट कैंसिल किए गए हैं, वो लॉकडाउन के दौरान उस समय बुक कराए गए थे, जब रेलवे ने जून में यात्रा के लिए बुकिंग की अनुमति दी थी.
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