Indian Railways/IRCTC Update: ट्रेन से सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल रेलवे की स्थायी समिति ने कई ट्रेनों में फ्लेक्सी या डायनामिक फेयर नीति के तहत ज़्यादा किराया लिए जाने को भेदभावपूर्ण बताया है. समिति ने रेलवे से इस नीति की समीक्षा करने की सिफारिश की है. समिति ने कहा कई ट्रेनों में फ्लेक्सी या डायनामिक फेयर अलग अलग ली जाती है जबकि कई बार राजधानी और शताब्दी ट्रेनों का किराया बजट एयरलाइंस के किराए से भी ज़्यादा हो जाता है.
रिपोर्ट की माने तो समिति ने कहा कि तत्काल टिकटों पर लिया जाने वाला चार्ज कई बार यात्रियों की बजट के हिसाब से काफी महंगा हो जाता है और यह अनुचित है. उन्होंने कहा कि तत्काल टिकट का चार्ज उन लोगों पर बोझ डाल रहा है जो पहले से ही आर्थिक रूप से तंग हैं और ऐसे में अगर उन्हें अर्जेटली कहीं जाना हो तो महंगी टिकट लेना उनकी मजबूरी हो जाती है.
किराया समान और संतुलित होना चाहिए
समिति ने कहा कि मंत्रालय को यात्रियों द्वारा की जाने वाली यात्रा की दूरी के अनुसार अनुचित किराये का उपाय करना चाहिए जिससे किसी के जेब पर अधिक बोझ ना पड़े. उन्होंने कहा कि मंत्रालय यात्रियों की सुविधा को देखते हुए फ्लेक्सी/डायनेमिक किराया तंत्र की समीक्ष करे और चार्ज का विवेकपूर्ण ढंग से निर्णय. मंत्रालय ख्याल रखें कि किराया संतुलित और समान स्तर पर आधारित हो.
फ्लेक्सी/डायनेमिक चार्ज में भेदभाव
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने कहा कि तथ्यों को देखते हुए फ्लेक्सी/डायनेमिक मूल्य निर्धाारण कुछ भेदभावपूर्ण प्रतीत होता है, क्योंकि राजधानी, शताब्दी और दुरंतो का किराया अन्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की तुलना में पहले से ज्यादा है. यह बजट एयरलाइनों की तुलना में बराबर और कई मामलों में तो ज्यादा भी हो जाता है. समिति का मत है कि ज्यादा किराए के कारण संरचना के साथ मामूली आय वाले या आर्थिक रूप से वंचित रेल उपयोगकर्ता इस किराये को वहन नहीं कर पायेंगे एवं इन ट्रेनों का विकल्प नहीं चुनेंगे.
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