केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर डेरा जमाए बैठे किसानों के आंदोलन को 9 महीने पूरे हो गए हैं. इन 9 महीनों के दरम्यान सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है, न तो किसान अपना आंदोलन वापस लेने को तैयार हैं और न ही सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने को तैयार है. ऐसे में किसानों के इस आंदोलन का भविष्य क्या है? इसी मुद्दे पर आज मशहूर कार्टूनिस्ट इरफान ने कार्टून बनाया है. कार्टूनिस्ट इरफान ने अपने कार्टून के जरिए कहा है कि किसान आंदोलन को शुरू हुए 9 महीने पूरे हो गए हैं. 9 महीने में तो मां की कोख से बच्चा भी जन्म ले लेता है लेकिन इस किसान आंदोलन का पता नही कुछ होगा भी या नहीं- अगर होगा भी तो क्या होगा?
दरअसल आज से 9 महीने पहले किसानों ने काफी जोश के साथ नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तो शुरू किया था, लेकिन अब ये आंदोलन दम तोड़ता नजर आ रहा है, इस दौरान कई किसान संगठनों ने खुद को आंदोलन से अलग भी कर लिया है. हालांकि अब भी दिल्ली के सिंघु, शाहजहापुर और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे आंदोलनकारी किसानों का यही कहना है कि देश के किसान एकजुट होकर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और आंदोलन को चाहे कितने ही साल क्यों न बीत जाएं जब तक तीन नए कृषि कानून सरकार वापस नहीं लेगी और न्यूनयम समर्थन मूल्य पर कानून नहीं बनेगा आंदोलनकारी किसान पीछे नहीं हटेंगे. ऐसे में अब देखने वाली बात ये है कि किसानों कब तक अपनी जिद पर अड़े रहते हैं और अगर सरकार किसानों की बात मानती है तो नया फैसला क्या होगा?
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