नई दिल्लीः मोहाली के डेरा बस्सी में सिविल अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारियों एक बड़ी गड़बड़ी देखने को मिली है. यहां एक महिला कमलप्रीत कौर का गलत तरीके से परीक्षण किया गया. जिसके बाद महिला को कोरोना पॉजिटिव बता कर उसके नवजात बच्चे से दूर रखा गया है. महिला के परिजनों का कहना है कि गलत तरीके से जांच के बाद आई रिपोर्ट के बाद मां को उसके नवजात बच्चे से चार दिनों तक दूर रखा गया है.


अस्पताल प्रशासन पर गड़बड़ी का आरोप


मोहाली के डेरा बस्सी के बल्लोमाजरा गांव की महिला कमलप्रीत कौर को उस वक्त स्वास्थ्य प्रशासन की गड़बड़ी का शिकार होना पड़ा, जब उसे सिविल अस्पताल प्रशासन की गलती के चलते कोरोना पॉजिटिव बता दिया गया था. महिला ने हाल ही में एक बच्चे को जन्म दिया है. कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसे उसके बच्चे से चार दिन तक दूर रखा गया. इस बीच मां अपने बच्चे को दूध भी नहीं पिला सकी.


अस्पताल प्रशासन ने मानी गलती


मोहाली के डेराबस्सी में सिविल अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कथित तौर पर अपनी गलती मान ली है. उनका कहना है कि अस्पताल में एक ही नाम के दो महिलाओं की कोरोना संक्रमण की जांच हुई थी. जिसके कारण स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा यह गलती हुई. चार दिन बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने महिला कमलप्रीत कौर को बताया कि वह पुरी तरह से स्वस्थ हैं. एक गलती की वजह से उन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया था.


वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने बताई सच्चाई


सिविल अस्पताल की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) डॉ. संगीता जैन ने कहा, “हमें स्वास्थ्य विभाग से कोविड-19 संक्रमितों को अलग करने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद दिशानिर्देशों के अनुसार हमने उस महिला को घर पर आइसोलेशन में रखा था. बाद में हमें पता चला कि रिपोर्ट में गलती से एक समान नाम वाली महिला के कारण एक गलती हो गई है. वास्तव में महिला की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है.


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