नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में आम आदमी पार्टी ने एक पर्चे के ज़रिए सवाल उठाया है कि आजकल बीजेपी, आरएसएस वाले कांग्रेस का प्रचार कर रहे हैं? मतदाताओं को अपने पाले में खींचने के लिए आम आदमी पार्टी ने बताने की कोशिश की है दिल्ली में 'आप' ही बीजेपी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी है.


करीब 400 शब्दों के इस पर्चे को उर्दू और हिंदी में छपवाया गया है. जानकारी के मुताबिक बीते शुक्रवार को इस पर्चे 'जुमे की नमाज़ के बाद' मुस्लिम इलाकों में बंटवाया गया. इस पर्चे पर एक तरफ सीएम केजरीवाल और दूसरी तरफ पूर्वी दिल्ली से आप लोकसभा प्रभारी आतिशी मर्लेना की तस्वीर लगी है. इस पर्चे का मक़सद क्या हो सकता है वो आपको बताएंगे लेकिन पहले इस पर्चे के मज़मून पर नज़र डालते हैं. इसमें पहले पैराग्राफ में लिखा है कि "आजकल बीजेपी, आरएसएस के लोग पार्कों में जाकर ये प्रचार कर रहे हैं कि 'यार मोदी ने बेड़ा गरक कर दिया, इससे तो कांग्रेस ही अच्छी थी.''



पर्चे के ज़रिए इसे आप ने बीजेपी, आरएसएस का षड्यंत्र बताया. आगे लिखा है कि दिल्ली में वोटों के गणित को समझेंगे तो साजिश समझ आ जाएगी. पर्चे में लिखा लिखा कि "पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 46% आम आदमी पार्टी को 33% और कांग्रेस को 15% वोट मिले थे आज मोदी जी की स्थिति अच्छी नहीं है. सब सर्वे दिखा रहे हैं कि बीजेपी के कम से कम 10% वोट कम होंगे तो इसका मतलब बजेपी के 36% वोट रह जाएंगे. अब मसला यह है कि यह बीजेपी से टूटे हुए 10% वोट किसके खाते में जाएंगे अगर यह 10% वोट आम आदमी पार्टी को मिलते हैं तो आम आदमी पार्टी के 43% वोट हो जाएंगे और सातों सीटों पर बीजेपी हार जाएगी और आम आदमी पार्टी जीत जाएगी. लेकिन अगर यह 10% वोट कांग्रेस को मिलते हैं तो कांग्रेस के वोट 25% हो जाएंगे बीजेपी के 36% होंगे और आम आदमी पार्टी के 33% रह जाएंगे और बीजेपी सातों सीटें जीत जाएगी"


इसमें आगे उदाहरण देते हुए बताया गया है कि दिल्ली में आप ही बीजेपी को हरा सकती है जैसे जैसे उत्तर प्रदेश में केवल सपा बसपा ही भाजपा को हरा सकते हैं पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी उड़ीसा में नवीन पटनायक उसी तरह दिल्ली में भी केवल आम आदमी पार्टी ही भाजपा को हरा सकती है.



आगे अपील की गयी है कि "बीजेपी,आरएसएस के दुष्प्रचार से सावधान रहें दिल्ली में बीजेपी को केवल और केवल आम आदमी पार्टी ही हरा सकती है. इस बात को अच्छी तरह समझे. दिल्ली में कांग्रेस को वोट देने का मतलब है बीजेपी को जिताना जो लोग बीजेपी को हराना चाहते हैं वह लोग आम आदमी पार्टी को ही वोट दें.


अब सवाल इस पर्चे के मक़सद पर उठाया जा सकता है. जिस तरह इसे जुमे की नमाज़ के बाद मस्जिदों के बाहर बांटा जा रहा है उससे सवाल है कि क्या 'आप' मुस्लिम मतदाताओं को बीजेपी, आरएसएस का डर दिखाकर अपने पक्ष में वोट करवाना चाहती है? क्या आम आदमी पार्टी को ये डर है कि कांग्रेस के जिस वोट बैंक का दिल जीतकर अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने वो पलटकर लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के पास जा सकता है? तीसरा सवाल इस पर्चे के ज़रिए कहीं ये तो नहीं कि जो मतदाता पीएम का चेहरा देखकर वोट करते हैं कहीं उन्हें समझाने की कोशिश तो नहीं? क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों में मोदी- राहुल के बीच केजरीवाल पीएम के दावेदार नज़र नहीं आते.