नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लेकर इतना बवाल हुआ है कि राजनीतिक पार्टियों के बीच बहस से लेकर छात्रों पर लाठीचार्ज तक की नौबत आ गई. लेकिन इस विवाद के बाद एक नई कहानी सोशल मीडिया पर पहुंची है. दावा है कि राजा महेंद्र प्रताप ने हजारों एकड़ जमीन दान दी थी तब जाकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बन पाई. दावा है कि जिसने जमीन दान देकर यूनिवर्सिटी बनाई उसी राजा के साथ एहसानफरामोशी हुई.
क्या दावा किया जा रहा है?
सोशल मीडिया पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह की तस्वीर के साथ एक मैसेज भी मौजूद है, जिसके जरिए जमीन दान देने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की एहसानफरामोशी का आरोप लगाया जा रहा है.
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मैसेज में लिखा है, ‘’ये तस्वीरें हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी की. जिन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को हजारों एकड़ जमीन मुफ्त दी थी. आज यूनिवर्सिटी में इनकी कोई तस्वीर नहीं, कोई नामलेवा नहीं.’’
राजा महेंद्र प्रताप सिंह कौन थे?
इतिहासकार और लेखक इरफान हबीब साल 1962 के चुनाव के दौरान राजा महेंद्र प्रताप के लिए काम कर चुके हैं. इरफान हबीब ने बताया, ‘’ उस वक्त एएमयू कॉलेज था, यहां वो पढ़े थे. जहां तक उनका नाम है वो देश की सेवा करने की वजह से हैं. उन्होंने ब्रिटिश सरकार का विरोध किया था. साल 1914 के पहले विश्वयुद्ध के दौरान अफगानिस्तान गए, वहां उन्होंने आजाद हिंदुस्तान की सरकार बनाई. आजादी के बाद 1962 के चुनाव में अलीगढ़ से खड़े हुए औऱ जनसंघ ने उनके खिलाफ उम्मीदवार भी खड़ा किया था लेकिन वो जीत गए.’’
क्या है पहले दावे का सच?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के वंशज बहादुर गरुणध्वज हाथरस में मुरसान के किले में रहते हैं. बहादुर गरुणध्वज ने बताया, ‘’यूनिवर्सिटी में उन्होंने पूरी अपनी अलीगढ़ स्टेट, जो राजा महेंद्र प्रताप के नाम से आज भी रिकॉर्ड में दर्ज है, उसमें से उन्होंने काफी बड़ा हिस्सा यूनिवर्सिटी को दिया था. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में उनका जमीन देना, निर्माण कराना बहुत बड़ा योगदान है.’’
क्या है दूसरे दावे का सच?
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता शाफे किदवई ने बताया, ‘’न सिर्फ राजा महेंद्र प्रताप सिंह बल्कि उनके पूरे परिवार से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का गहरा संबंध रहा है. राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने यूनिवर्सिटी के सिटी स्कूल के पास जो जमीन दी है, वहां उस स्कूल का प्लेग्राउंड है. यूनिवर्सिटी उनकी योगदान को भूली नहीं है और हमारे मेन लाइब्रेरी में राजा महेंद्र प्रताप की भी फोटो लगी हुई है. उसमें इनके बारे में लिखा गया है कि राजा महेंद्र प्रताप देश के बड़े सपूत थे और उन्होंने यूनिवर्सिटी के लिए जमीन भी दी है.’’
पड़ताल में जमीन देकर AMU बनाने वाले राजा से यूनिवर्सिटी की एहसानफरामोशी का दावा झूठा साबित हुआ है.