IS का पहला हमला : 'देशभक्त' दो पिताओं की सबसे बड़ी गवाही, अपने खून से तोड़ा रिश्ता

लखनऊ/भोपाल : मध्य प्रदेश के शाजापुर के पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट के बाद मध्य प्रदेश और यूपी में धड़ाधड़ कई आरोपियों को पकड़ा गया है. इससे पहले लखनऊ के ठाकुरगंज के घर में छुपे आतंकी सैफुल्ला का एनकाउंटर करना पड़ा. आतंक की पूरे मामले में दो परिवार फंसे हैं. दो पिता सामने आए हैं क्योंकि दोनों के चार बेटों पर आतंक का कलंक लगा है.
खून के रिश्ते को अहमियत न देते हुए देश को अहमियत
लेकिन, दोनों पिता ने खून के रिश्ते को अहमियत न देते हुए देश को अहमियत दी है. देखिए आतंक के आरोपियों के खिलाफ उनके पिता की सबसे बड़ी गवाही. मध्य प्रदेश के शाजापुर में ट्रेन धमाके के बाद लखनऊ में 11 घंटे तक एनकाउंटर हुआ. अफगानिस्तान, इराक में बैठकर बगदादी के इस्लामिक स्टेट ने भारत को दहलाने की साजिश रची.
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सुरक्षा एजेंसियों ने बगदादी के प्लान को नेस्तनाबूत कर दिया
देश के हिफाजत में लगी जांच और सुरक्षा एजेंसियों ने बगदादी के प्लान को नेस्तनाबूत कर दिया. फिर भी दो पिता देशभक्ति की कसम खा रहे हैं. उन बेटों को देशद्रोही करार दे रहे हैं जिन्होंने आतंक का रास्ता चुनकर देश और परिवार दोनों से गद्दारी की. इन दोनों पिता के बीच खुद खून का रिश्ता है.
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एनकाउंटर के बाद मारे गए आतंकी सैफुल्ला के पिता सरताज
एक पिता हैं लखनऊ के ठाकुरगंज के इस मकान में 11 घंटे के एनकाउंटर के बाद मारे गए आतंकी सैफुल्ला के पिता सरताज. दूसरे पिता है नसीम. आतंकी साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार दानिश अख्तर, इमरान और फैसल के पिता नसीम खुद टीचर रहे हैं.
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पहले हमले के बाद जो सात लोग शिकंजे में आए हैं
आईएस के भारत में पहले हमले के बाद जो सात लोग शिकंजे में आए हैं, उनमें चार के बीच तो खून का रिश्ता है. हम बात कर रहे हैं सैफुल्ला, दानिश अख्तर, इमरान और फैसल की. सैफुल्ला मर चुका है और दानिश अख्तर, इमरान और फैसल गिरफ्तार हुए हैं. दानिश अख्तर, इमरान और फैसल का ही चचेरा भाई है सैफुल्ला.
सुरक्षा एजेंसियां उसके परिवार को शव सौंपने को तैयार हैं
लखनऊ में एनकाउंटर में सैफुल्ला मारा जा चुका है. 11 घंटे तक बंद मकान में आतंक का झंडा बुलंद रखने के लिए वो लड़ा लेकिन उसकी लड़ाई गलत थी और अंजाम सही हुआ है. ये कहने वाले हैं खुद सैफुल्ला के पिता सरताज. सैफुल्ला के मारे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां उसके परिवार को शव सौंपने को तैयार हैं लेकिन जिस पिता ने बरसों तक अपने बेटे को पाला-पोसा उसी को अपने बेटे का शव मंजूर नहीं है. क्योंकि उसने देशद्रोह का गुनाह किया है.
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सैफुल्ला का परिवार से दो महीने पहले झगड़ा हुआ था
सैफुल्ला कानपुर का रहने वाला था. सैफुल्ला का परिवार से दो महीने पहले झगड़ा हुआ था. उसके बाद वो ठाकुरगंज के मकान में किराए पर रह रहा था. परिवार को कहां भनक थी कि सैफुल्ला किन गलत लोगों के चंगुल में फंस चुका है. उसकी करतूत तो उसके मरने के बाद ही सामने आई. कल दोपहर 3.30 बजे से सैफुल्ला ठाकुरगंज के मकान में बंद होकर सुरक्षा एजेंसियों से लड़ता रहा. गोलियां बरसाता रहा.
यूपी पुलिस और एटीएस ने सैफुल्ला को जिंदगी बचाने का हर मौका दिया
यूपी पुलिस और एटीएस ने सैफुल्ला को जिंदगी बचाने का हर मौका दिया. पुलिस ने सैफुल्ला की बात उसके भाई खालिद से कराई. जिस कमरे में हथियारों के साथ सैफुल्ला छुपा हुआ था. उसमें एक मोबाइल फोन भी फेंका. खालिद और सैफुल्ला की बात भी हुई. खालिद ने रोते हुए भाई से सरेंडर करने को कहा लेकिन सैफुल्ला नहीं माना. उसने भाई से कहा मैं सरेंडर करने की बजाय मरना पसंद करूंगा.
वह नहीं माना तो रात के अंधेरे में उसे मार गिराया गया
11 घंटे कम नहीं होते. पुलिस ने बहुत इंतजार किया लेकिन वह नहीं माना तो रात के अंधेरे में उसे मार गिराया गया. ऑपरेशन प्रमुख असीम अरुण ने इसे दुर्भाग्य माना कि उसे जिंदा नहीं पकडा जा सका. आप हैरान हो जाएंगे कि इस नौजवान ने अपने आतंक का कितना सामान जमा किया हुआ था.
तस्वीर बता रही है उसकी कहानी :
8 ऑटोमैटिक पिस्तौल 650 जिंदा कारतूस कारतूस के 50 से ज्यादा खोखे बरामद भारी मात्रा में बम बनाने का सामान और RDX विस्फोटक तीन पासपोर्ट भी मिले
बेटे ने तो देश के खिलाफ जंग ही छेड़ रखी थी
पिता सरताज अगर कह रहे हैं कि बेटा देशद्रोही है तो क्या गलत है. बेटे ने तो देश के खिलाफ जंग ही छेड़ रखी थी. यही हाल सरताज के भाई नसीम का है. रिटायर्ड टीचर नसीम ने अपने बेटों को हर धर्म औऱ हर मजहब की शिक्षा दी. इंसानियत और मानवता का पाठ पढाया. मुसलमान होते हुए हिंदू धर्म के बारे में भी सीखने समझने का मौका दिया.
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मानवता का पाठ पढ़ने के बाद आतंक का पाठ पढ़ लिया
लेकिन, न जाने परवरिश में कहां खोट रह गई कि बेटों ने मानवता का पाठ पढ़ने के बाद आतंक का पाठ पढ़ लिया. अपनी जिंदगी, परिवार की इज्जत और देश सबका सौदे कर बैठे. टीचर रह चुके नसीम को अपने बेटों की हरकतों से इतनी ठेस लगी है कि उन्होंने तीनों से सारे संबंध खत्म कर दिए हैं. नसीम के तीन बेटे दानिश अख्तर, इमरान और फैसल आतंकी साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं.
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