Morbi Bridge Collapse: मोरबी हादसे में क्या किसी को बचा रही है सरकार? कंपनी के मालिक की जगह छोटे कर्मियों की गिरफ्तारी पर उठ रहे ये सवाल
Gujarat Bridge Collapse: मोरबी नगर निगम ने घड़ियां और ई-बाइक बनाने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप को इस पुल की मरम्मत का काम सौंपा था.
![Morbi Bridge Collapse: मोरबी हादसे में क्या किसी को बचा रही है सरकार? कंपनी के मालिक की जगह छोटे कर्मियों की गिरफ्तारी पर उठ रहे ये सवाल Is BJP government saving anyone in Morbi Bridge Collapse, why oreva company owner not arrested Morbi Bridge Collapse: मोरबी हादसे में क्या किसी को बचा रही है सरकार? कंपनी के मालिक की जगह छोटे कर्मियों की गिरफ्तारी पर उठ रहे ये सवाल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/11/01/ee140b0bbdbf07980b202b6bb64a81e51667296889715432_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Gujarat Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी जिले में पुल हादसे के बाद बीजेपी (BJP) सरकार विपक्ष के निशाने पर है. रविवार (30 अक्टूबर) को हुए इस हादसे में अब तक 134 लोगों की जान जा चुकी है. इस दुर्घटना के बाद पुलिस ने केस दर्ज करते हुए सोमवार को 9 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले को लेकर गुजरात पुलिस (Gujarat Police) ने एसआईटी भी गठित की है.
पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें पुल मैनेजर, 2 कॉन्ट्रेक्टर, 3 गार्ड, 3 टिकट क्लर्क शामिल हैं. इसी बीच मोरबी नगर पालिका के उपाध्यक्ष ने एबीपी न्यूज से बातचीत में ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल का नाम लेकर उन्हें हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
कंपनी मालिक का नाम FIR में नहीं
ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख भाई पटेल का नाम भी पुलिस एफआईआर में नहीं है. इस पुल के लिए कंपनी ने स्थानीय नागरिक निकाय से फिटनेस प्रमाण पत्र भी नहीं लिया था. साथ ही इसे समय से पहले खोला गया. हादसे के वक्त पुल पर लोगों की संख्या भी ज्यादा थी. ऐसे में विपक्ष राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहा है. साथ ही ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या मोरबी हादसे में सरकार किसी को बचा रही है?
सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप
इस हादसे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पूछा कि मोरबी के पुल की दुर्घटना 'एक्ट ऑफ गॉड' है या 'एक्ट ऑफ फ्रॉड' है? साथ ही उन्होंने कहा कि 6 महीने से पुल की मरम्मत की जा रही थी. इसमें कितना खर्च आया? 5 दिनों में पुल गिर गया. 27 साल से बीजेपी की सरकार है, क्या यही है आपका विकास मॉडल?
उन्होंने आगे कहा कि, "सुजलाम सुफलाम योजना में लाखों का भ्रष्टाचार हुआ है. 2014 से कांग्रेस पार्टी इस योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. तालाब की सफाई के नाम पर हर साल मोदीशाह के पसंदीदा एनजीओ को 60-40 के अनुपात में करोड़ों का सार्वजनिक राजस्व स्वीकृत किया जाता है. मुझे बताया गया है कि पूरे गुजरात में केवल मोदीशाह के पसंदीदा ठेकेदारों को ही ठेके मिलते हैं. काम पूरा हुआ, लेकिन भुगतान पूरा हो गया."
कांग्रेस ने की न्यायिक जांच की मांग
कांग्रेस ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की है. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस घटना को लेकर जवाबदेही तय होनी चाहिए ताकि आगे ऐसी घटनाएं नहीं हों. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने कहा कि गुजरात सरकार को मोरबी में पुल गिरने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्थानीय नागरिक निकाय से फिटनेस प्रमाण पत्र लिए बिना इसे आम लोगों के लिए खोला गया. केंद्र को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए.
बता दें कि, मोरबी नगर निगम ने घड़ियां और ई-बाइक बनाने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप को इस पुल की मरम्मत का काम सौंपा था. मरम्मत के बाद पुल जब 26 अक्टूबर को जनता के लिए खोला गया तो उस वक्त ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल ने कहा था कि उनकी कंपनी ने मरम्मत पर दो करोड़ रुपये खर्च किए हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि ये पुल आराम से 8 से 10 साल तक चलेगा.
कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए- शिवसेना
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि गुजरात सरकार इस हादसे में लोगों की मौत पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती. इस घटना को धोखाधड़ी, साजिश का कृत्य कहा जाना चाहिए या महज हादसा कहना सही होगा? ठाकरे गुट ने कहा कि पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला
मोरबी पुल हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) भी पहुंच गया है. शीर्ष अदालत ने मंगलवार (1 नवंबर) को कहा कि वह मोरबी में पुल गिरने की घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने संबंधी जनहित याचिका पर 14 नवंबर को सुनवाई करेगा. गौरतलब है कि मोरबी में मच्छु नदी पर बना झूलात पुल रविवार शाम को टूट कर गिर गया था. इस दुर्घटना में अब तक 134 लोगों की मौत हुई है.
ये भी पढ़ें-
मोरबी हादसे की न्यायिक जांच की मांग, सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर को करेगा सुनवाई
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)