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बड़ा सवाल: जिन सेवाओं में आधार नंबर दिया गया है, क्या वहां से डेटा डिलीट किया जा सकता है?
आधार नम्बर से लिंक हो चुके बैंकों के खाते की बात करे तो 63.3 करोड़ खाता धारक अपने 97 करोड़ खातों को अभी तक आधार से लिंक करवा चुके हैं.
नई दिल्ली: आधार पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद कई सेवाओ में आधार की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है. अब सवाल ये है कि क्या इन सेवाओं में जहां आधार नंबर दिया गया है, वहां से क्या डेटा डिलीट किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने बैंक खातों, मोबाइल नम्बर और स्कूल में दाखिले सहित तमाम निजी सेवाओं के लिए ज़रूरी आधार की बाध्यता को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही आधार नम्बर और उसके डाटा की सुरक्षा को लेकर चिंतित ग्राहकों की चिंताएं भी बढ़ गई है.
ग्राहक के डाटा का गलत इस्तेमाल करने पर सेवादाता पर होगा भारी जुर्माना
निजी कंपनियों की तरफ से सेवाओं के बदले पहचान के लिए आधार नम्बर या कार्ड के डिटेल मांगे थे. लेकिन अब बाध्यता खत्म होने के बाद क्या ये डाटा सुरक्षित है? हालांकि सरकार का साफ तौर पर कहना है कि इस बारे में कानून है और अगर कोई भी सेवादाता किसी भी ग्राहक के डाटा का बेजा या गलत इस्तेमाल करता है तो उसे 10 लाख रुपए तक जुर्माना या सात साल तक की सज़ा हो सकती है. ऐसे में किसी भी ग्राहक ने किसी भी सेवादाता को जो भी डाटा दिया है वह कानून के ज़रिए सुरक्षित है.
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एबीपी न्यूज़ से कहा है, ‘’कानून में प्रावधान है. कोई भी डाटा का मिसयूज नहीं कर सकता. अगर उस सेवा के अलावा डाटा का कही भी इस्तेमाल करता है तो उसे सजा होगी.’’ सूत्रों के मुताबिक, कानून के तहत सभी डाटा सुरक्षित है फिर भी सरकार कोर्ट के फैसले का विस्तृत अध्ययन करने के बाद तय करेगी कि निजी कंपनियों कंपनियों को निर्देश जारी करना हैं या नहीं.
सूत्रों के मुताबिक-
- सरकार के पास फिलहाल ये विकल्प है अगर किसी सेवा में आधार की आवश्यकता नहीं है या कोर्ट ने आधार लिंक करने की आवश्यकता को खारिज़ किया है तो ग्राहक अपना डेटा उस सेवा से डिलीट करवा सकता है.
- ग्राहक किसी भी निजी कंपनी को दिए गए अपने आधार नम्बर का डाटा डिलीट करवाना चाहता है तो कंपनिया और बैंक तय करे कि कैसे ये करना है.
- ग्राहक अगर अपना पुराना डाटा जो कि आधार नम्बर या आधार कार्ड है, उसे डिलीट करवाना चाहता है तो ग्राहक को नए या दूसरे पहचान पत्र देने पड़ सकते हैं. निजी कंपनी तय कर सकती है कि किस पहचान पत्र को आधार की जगह मान्यता दे.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion