पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव क्या बिहार के लिए सेमीफाइनल है, ये सवाल इसलिए क्योंकि राज्य के कई दिग्गज नेताओं ने यहां अपनी ताकत जोंक दी है. कोई नेता रोड शो कर रहा हैं तो कोई रैली निकाल रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार बीजेपी के साथ मिलकर बिहार के बाहर चुनाव लड़ रहे हैं तो लालू यादव की पार्टी आरजेडी, कांग्रसे के साथ पहली बार गठबंधन में किस्मत आज़मा रही है.
आरजेडी की कमान लालू के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी के हाथों है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी की तरफ से एक उम्मीदवार मैदान में रहने से एनडीए दिल्ली में भी मजबूती के साथ लड़ रहा है. बिहार में भी ये ही तीन पार्टियां गठबंधन हैं.
दूसरी तरफ महागठबंधन में दरार देखने को मिल रहा है. कांग्रेस और आरजेडी तो साथ है लेकिन पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हम महागठबन्धन से अलग होकर चुनाव लड़ रही है. अब सवाल ये उठता है कि क्या दिल्ली चुनाव के नतीजों का असर बिहार में इसी साल नवंबर में होने वाले विधान सभा चुनाव पर पड़ेगा?
दरअसल झारखण्ड चुनाव की हार ने बीजेपी को अपने सहयोगियों को साथ लेने का सबक सिखा दिया. झारखण्ड में सत्ता खोने का साइड इफेक्ट ये हुआ कि बीजेपी ने नीतीश और पासवान को कुछ सीटें देकर एडजस्ट कर लिया ताकि वोट का नुकसान न हो. वहीं झारखण्ड जीत से उत्साहित कांग्रेस ने लालू की पार्टी को अपने साथ ले लिया.
बीजेपी और कांग्रेस को ये उम्मीद है कि बिहार के लोगों का वोट उनके लीडर के कहने पर गठबंधन को फायदा पहुंचाएगा. ऐसे में जीत के दावे सब कर रहे हैं लेकिन इस चुनाव को सेमीफाइनल कोई मानने को तैयार नहीं है. जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि हर राज्य की परिस्थिति अलग है. इसलिए इस चुनाव को सेमीफाइनल जैसे चुनाव नहीं मानी जानी चाहिए. लेकिन दिल्ली के नतीजे निश्चित तौर चौकएंगे. एनडीए की ताकत नीतीश कुमार के शामिल होने के बाद बढ़ी है.
वहीं बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनन्द ने कहा कि दिल्ली चुनाव में एनडीए गठबंधन जिस तरीके से मजबूती के साथ मैदान में है, पूरा विश्वास है कि दिल्ली में जीत मिलेगी. हमारा एनडीए गठबंधन बिहार तक सीमित था. अब दिल्ली में भी गठबंधन है. जिस तरह से नीतीश कुमार और अमित शाह मंच शेयर कर रहे हैं, एनडीए चुनाव जीतेगी.
उधर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि बिहार का सेमीफाइनल तो बिहार के उपचुनाव में ही हो चुका है. पांच सीटों में से सिर्फ एक सीट एनडीए जीत पाई. बाकी सभी सीटों पर एनडीए के खिलाफ फैसला हो चुका है. दिल्ली के चुनाव में बीजेपी और जेडीयू की हार सुनिश्चित है. बिहार में महागठबंधन 2015 में जीता था और अब वह पहले से व्यापक है. नीतीश कुमार गए तो तीन चार साथी जुटे हैं.
इसके अलावा आरजेडी नेता और पूर्व मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि दिल्ली से बिहार का सेमीफाइनल नहीं, बीजेपी की दुर्दशा मानी जाए. जो स्थिति हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड में हुआ है वही दिल्ली में भी होने वाला है. आरजेडी चार सीटों पर लड़ रही है और मजबूती के साथ जीतने का काम करेंगे. वहां महागठबंधन की सरकार बनेगी. इसमें कोई दो राय नहीं कि बीजेपी की हालत खस्ता है. महागठबंधन में सब कुछ ठीक है और सब कुछ ठीक हुआ है. बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन चुनाव लड़ेगा.