नई दिल्ली: भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की 1 करोड 46 लाख डोज पाकिस्तान भेजी जाएगी. जैसे ही यह खबर सामने आई सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. कोई इसके लिए भारत सरकार की पीठ थपथपा रहा है तो कोई सरकार को खरी खोटी सुना रहा है. सवाल किए जाने लगे कि आखिर भारत को पाकिस्तान को वैक्सीन देने की क्या जरूरत थी और वो भी मुफ्त? ऐसे में यह जान लेना बहुत जरूरी है कि क्या सोशल मीडिया पर फैली बातें सही हैं? ऐसे में यह भी जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर पाकिस्तान को मुफ्त कैसे मिल रही है और ऐसा क्यों हुआ?


मामला क्या है?


ये बात तो सच है कि पाकिस्तान को वैक्सीन की  1 करोड 46 लाख डोज मुफ्त मिल रही है. लेकिन अगला सवाल है कि क्या भारत सरकार अपने खर्च से पाकिस्तान को ये वैक्सीन मुफ्त दे रही है, तो इसका जवाब ना में है.


दरअसल, कोरोना ने दुनिया के गरीब देशों की कमर तोड़ दी है. इसकी वजह से कई गरीब देश वैक्सीन खरीदने की स्थिति में नहीं हैं. ऐसे में इन देशों को राहत देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एक समूह का गठन किया जिसके जरिए दुनिया के उन देशों को पारदर्शी तरीके से वैक्सीन मुहैया करवाई जा सके. डब्ल्यूएचओ ने इस योजना का नाम रखा है 'कोवैक्स.' इसके तहत 92 देशों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी. इन देशों को गावी समझैते के तहत वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी. मुफ्त वैक्सीन पाने वाले देशों में पाकिस्तान भी शामिल है.


कोवैक्स का काम


कोवैक्स के तहत 2021 में दुनिया की कमजोर और मध्यम अर्थव्यवस्था वाले 92 देशों को 130 करोड़ टीके उपलब्ध कराए जाएंगे. कोरोना से बचने के लिए अमीर देश मुंहमांगी कीमत पर इस वैक्सीन को खरीद सकते हैं ऐसे में गरीब देशों को वैक्सीन मिलने में काफी देर होगी उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ेगा. इसी को ध्यान में रखते हुए कोवैक्स काम कर रहा है.


क्या है इसका उद्देश्य


कोवैक्स का उद्देश्य है जल्द से जल्द सुरक्षित और असरदार टीके को दुनियाभर में पहुंचाना. इस प्रोग्राम के तहत देशों को उनकी जनसंख्या के हिसाब से टीके मुहैया करवाए जाएंगे. इस प्रोग्राम के तहत वैक्सीन का डोज मिलने के बाद पहले स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण होगा फिर इसके बाद बुजुर्गों को टीका लगाया जाएगा.


कैसे काम करता है कोवैक्स


कोवैक्स प्रोग्राम के तहत वैक्सीन बनाने वाले कंपनियों से दवाई खरीदी जाती है और अलग अलग देशों में इसे जनसंख्या के हिसाब से भेजा जाता है. WHO इसके लिए या तो मामूली चार्ज करती है या इसे फ्री में भी मुहैया करवाती है.


क्या है गावी समझौता


बता दें कि गावी का पूरा नाम (GAVI- Global Alliance for Vaccines and Immunization) है. यह संस्था वैक्सीन से जुड़ी एक एलायंस है जो कि दुनियाभर में खतरनाक रोगों के संक्रमण से बचाने के लिए टीका मुहैया करवाती है. कोरोना महामारी के इस दौर में गावी एलांयस पाकिस्तान समेत कई देशों की मदद कर रहा है.


क्या है खबर की सच्चाई


कोवैक्स प्रोग्राम के तहत भारत में बनने बाली कोरोना वैक्सीन को WHO खरीदकर अगल-अगल देशों में पहुंचा रही है. अगर गहराई से देखें तो भारत पाकिस्तान को वैक्सीन का कोई भी डोज फ्री में नहीं दे रहा है बल्कि WHO को बेच रहा है और WHO इस डोज को गावी समझौते के तहत अन्य देशों को बांट रहा है.


बड़ी खबर: पाकिस्तान को मिलेगी भारत में बनी कोरोना वैक्सीन