दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए बम धमाके के मामले में गिरफ्तार लश्कर-ए-तैयबा की दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उनके रिक्रूटर की भी पहचान कर ली गई है. साथ ही उसे भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.


दिलचस्प यह है कि लश्कर-ए-तैयबा के रिक्रूटर भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या एक बार फिर आईएसआई और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने पांव फैला रहा है?


बीते महीने एजेंसी ने हैदराबाद से दो आरोपियों को किया था गिरफ्तार


इसी साल जून महीने में दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए बम धमाके मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने हैदराबाद से दो आरोपियों नासिर मलिक और इमरान मलिक को गिरफ्तार किया था. आरंभिक पूछताछ के दौरान पता चला था कि यह दोनों आपस में भाई हैं और अपने हैंडलर के कहने पर यह दोनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैदराबाद में रहने आए थे.


जांच के दौरान यह भी पता चला यह दोनों यूपी के शामली के पास के रहने वाले हैं. पूछताछ के दौरान जब इनसे बम धमाके की बाबत जानकारी मांगी गई तो पता चला कि इनमें से एक भाई साल 2012 में पाकिस्तान गया था और वहां उसने बाकायदा आईईडी बनाने की ट्रेनिंग की थी. यह ट्रेनिंग उसे इस प्रकार से दी गई थी कि बाजार में मौजूद स्थानीय केमिकल से वह आईईडी बना सकता था.


बम धमाकों से जुड़े दस्तावेजों में मिला था फोन नंबर


सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान बड़ा खुलासा हुआ कि इन दोनों भाइयों का रिक्रूटर कहीं और नहीं बल्कि शामली की कैराना का ही रहने वाला है. जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया की ट्रेन के अंदर जिस पार्सल के अंदर बम धमाका हुआ था उससे जुड़े दस्तावेजों में एक फोन नंबर पाया गया था. दिलचस्प है कि यह फोन नंबर इन दोनों भाइयों का नहीं था.


जिस शख्स का फोन नंबर था उसने पूछताछ के दौरान बताया कि उसका फोन फला शख्स ने प्रयोग किया था. जांच टीम जब आगे बढ़ी तो पता चला कि वह शख्स बेहद संदेहास्पद गतिविधियों में शामिल रहता है और दिखाने के तौर पर कपड़े का धंधा करता है लेकिन लगातार पाकिस्तान आता जाता रहता है.


जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया कि इन दोनों भाइयों का यह रिक्रूटर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई लोगों को आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में भर्ती करा चुका है. जांच के दौरान यह भी पता चला इन दोनों भाइयों को हैदराबाद जाने और काम करने के लिए डेढ़ लाख रुपए भी दिए गए थे. आतंकवादियों का मकसद चलती ट्रेन को आग के हवाले करना था.


जल्द ही मामले में हो सकती हैं गिरफ्तारियां


यही कारण है कि बम पार्सल के अंदर कपड़ों में रखा गया था. आतंकवादियों का अनुमान था कि कपड़ों में आग लगने के बाद आग बुरी तरह से अन्य सामानों में फैल जाएगी और चलती हुई ट्रेन में आग लगने से बड़े पैमाने पर जान माल का नुकसान होगा. जांच से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया इस बाबत कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है और जल्दी कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है.


इनकी गिरफ्तारियों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत दक्षिण भारत में बैठे एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश हो सकेगा मामले की जांच जारी है.


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