मुंबई: कोरोना के खतरे से लड़ रही महाराष्ट्र सरकार के सामने अपने आप को बचाए रखने का संकट भी खड़ा हो गया है. वसूली कांड में अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र सरकार को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है. अब सभी की नजरें एक बार फिर महाराष्ट्र राजनीति के पितामाह शरद पवार पर आकर टिक गयी हैं.


दरअसल शरद पवार ने ही महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार बनवाई थी. अब कांग्रेस को डर यही है कि पवार ही महाराष्ट्र सरकार को गिरा सकते हैं. एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र कांग्रेस को डर है कि कहीं पवार फिर ना बदल जाएं शक का कारण गुजरात में हुई पवार और अमित शाह की कथित मुलाकात है. कांग्रेस नेताओं को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं देशमुख के मामले में केंद्र का शिकंजा कसता देख पवार बदल ना जाएं.


महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पवार के दम पर ही टिकी हुई है. सूत्रों के मुताबिक अगले एक दो दिनों में महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल पर भी चर्चा हो सकती है. पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात को लेकर हुई कांग्रेस की रिव्यू बैठक में सोनिया गांधी को सभी स्थितियों से अवगत कराया गया.


एंटीलिया केस के चलते एनसीपी कोटे से कैबिनेट मे आए पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख इस्तीफा दे चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस का मानना है कि देशमुख पर लगे आरोपों से सरकार की छवि पर असर पड़ा है. मामले में CBI जांच और सुप्रीम कोर्ट में मामले का चला जाना भी सरकार की छवि के लिए ठीक नहीं है। अभी स्वास्थ्य लाभ कर रहे पवार का क्या रुख रहेगा ये देखना होगा.


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