मुंबई: क्या मुंबई को मिलेगी शहर की पहली महिला पुलिस कमिश्नर? इस सवाल की जवाब 31 अगस्त तक मिल सकता है जब मुंबई के मौजूदा पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे रिटायर होंगे. संजय बर्वे को अगर सेवा विस्तार नहीं मिलाता है तो राज्य खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक परमबीर सिंह मुंबई कमिश्नर बनने की कतार में हैं. अगर रश्मि शुक्ला को मुंबई पुलिस आयुक्त नियुक्त किया जाता है, तो वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला होंगी.
रश्मि शुक्ला राज्य खुफिया विभाग के प्रमुख के पद पर हैं और इस रेस में उनका सीधा मुक़ाबला राज्य के एसीबी प्रमुख परमबीर सिंह से है जो पिछली बार भी रेस में थे लेकिन सरकार ने संजय बर्वे को नियुक्त किया. रशमि शुक्ला पुणे पुलिस कमिश्नर भी रह चुकी हैं. परमबीर सिंह और रश्मि शुक्ला के अलावा सीपी की रेस में रजनीश सेठ और के वेंकटेशम (सभी 1988 बैच से) भी हैं.
संजय बर्वे के सेवा विस्तार के बारे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को फैसला करना है. 2008 में तत्कालीन डीजीपी पी एस पसरीचा और मुंबई के पुलिस आयुक्त डी. एन जाधव को तीन महीने का विस्तार दिया गया था. इसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मनमाना निर्णय माना था. इसके अलावा, तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार और न्यायमूर्ति पी. पी. देवधर ने कहा था कि इस तरह के सेवा विस्तारों का कनिष्ठ अधिकारियों के करियर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
हालांकि हाई कोर्ट में यह कहा गया था कि अखिल भारतीय सिविल सेवा नियम (16-1) के अनुसार, उन अधिकारियों को विस्तार दिया जा सकता है जो बजट से संबंधित कार्य से जुड़े हैं या जो एक महत्वपूर्ण समिति के प्रमुख हैं. चुनाव आयोग ने सभी राज्य सरकारों को अगले छह महीनों में रिटायर होने वाले ने वाले किसी भी अधिकारी को चुनाव संबंधी ड्यूटी में न लगाने को कहा था.
आदेश के बाद नांदेड़ रेंज के महानिरीक्षक पी. पी. मुतलल, जिनका रिटायरमेंट 31 दिसंबर 2019 को है उन्हें एक गैर-कार्यकारी पद और राज्य परिवहन निगम के निदेशक (सतर्कता) मनोज लोहिया के स्थान पर नियुक्त किया गया. अधिकारी ने कहा कि इन सभी तथ्यों को सीएम के सामने रखा जाएगा, जो आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ईसीआई की मंजूरी लेने के बाद ही फैसला लेंगे.