क्या CJI के खिलाफ साज़िश हो रही है? वकील के दावे पर SC गंभीर
एक वकील ने हलफनामा दाखिल कर दावा किया है कि CJI के खिलाफ साजिश रची गई है. ऐसा उन लोगों ने किया है जिनके गोरखधंधे पर जज के सख्त रवैये से चोट पहुंची है. वकील के मुताबिक कोर्ट से मनचाहा फैसला पाने में नाकाम रहे कॉरपोरेट जगत के एक व्यक्ति और कुछ दलाल किस्म के लोग चीफ जस्टिस को फंसाने की साज़िश रच रहे हैं. उनका मकसद CJI को पद से हटने को मजबूर करने का है.
नई दिल्ली: एक वकील उत्सव बैंस के दावे से आज सुप्रीम कोर्ट चौंक गया. वकील का दावा है कि देश की सबसे बड़ी अदालत में ऐसे 'फिक्सर' की मौजूदगी है जो फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. उनकी हिम्मत इतनी ज्यादा है कि जब एक सख्त चीफ जस्टिस उनके नेटवर्क पर प्रहार शुरू करता है तो वो जज के खिलाफ ही साज़िश रच देते हैं. कोर्ट ने इस पहलू की जांच पर चर्चा के लिए CBI, IB और पुलिस के आला अधिकारियों को तलब किया.
मामला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी की तरफ से लगाए गए यौन दुर्व्यवहार आरोप से जुड़ा है. दिसंबर में बर्खास्त की जा चुकी महिला का आरोप है कि दुर्व्यवहार का विरोध करने के चलते उसे नौकरी से निकाला गया था. अब एक वकील ने हलफनामा दाखिल कर दावा किया है कि CJI के खिलाफ साजिश रची गई है. ऐसा उन लोगों ने किया है जिनके गोरखधंधे पर जज के सख्त रवैये से चोट पहुंची है.
उत्सव बैंस नाम के वकील का कहना है कि उसे कुछ दिन पहले चीफ जस्टिस के खिलाफ आरोप लगाने के लिए 1.5 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया था. मामले को संदिग्ध जान कर उसने मना कर दिया और थोड़ी तहकीकात की. इससे पता चला कि कोर्ट से मनचाहा फैसला पाने में नाकाम रहे कॉरपोरेट जगत के एक व्यक्ति और कुछ दलाल किस्म के लोग चीफ जस्टिस को फंसाने की साज़िश रच रहे हैं. उनका मकसद CJI को पद से हटने को मजबूर करने का है.
वकील के हलफनामे पर सुनवाई करने के लिए सुबह 10.30 पर जस्टिस अरुण मिश्रा, रोहिंटन नरीमन और दीपक गुप्ता की बेंच आज बैठी. वकील से अपने दावे के समर्थन में सबूत देने को कहा. वकील ने सीलबंद लिफाफे में कुछ कागज़ात सौंपे. ये भी कहा कि लिफाफे में कुछ सीसीटीवी फुटेज हैं, जिनसे साज़िश को समझने में मदद मिलेगी.
जजों ने सीलबंद लिफाफे में मिले कागज़ात को देखा और मसले को गंभीर बताया. कहा, "कोर्ट में फिक्सर की मौजूदगी, उनकी बाहर के लोगों से मिलीभगत का दावा चौंकाने वाला है. इस पहलू की जांच की ज़रूरत है. हम चाहते हैं कि CBI निदेशक, IB निदेशक और दिल्ली पुलिस कमिश्नर हमसे 12.30 पर चैंबर में मिलें. आगे की सुनवाई 3 बजे होगी."
माना जा रहा था कि 3 बजे कोर्ट वकील के दावे की जांच के लिए SIT के गठन का आदेश देगा लेकिन कोर्ट ने वकील से कुछ और सवाल किए. कोर्ट ने इस दावे पर खास तौर पर हैरानी जताई कि साज़िश रचने वालों में 3 पूर्व कर्मचारी शामिल हैं. इनमें से 2 कर्मचारियों को उद्योगपति अनिल अंबानी के मामले में आदेश बदलने के लिए बर्खास्त किया गया था. इन लोगों ने अवमानना के मामले में अनिल अंबानी की पेशी से छूट दिए जाने का आदेश प्रकाशित किया था, जबकि कोर्ट ने ऐसी कोई छूट नहीं दी थी. तीसरी कर्मचारी वही महिला है जिसने चीफ जस्टिस पर आरोप लगाए हैं.
कोर्ट ने वकील से इस दावे के समर्थन में भी सबूत देने को कहा है. कल सुबह 10.30 पर दोबारा मामले की सुनवाई होगी.
महिला के आरोप की भी जांच हो रही है गौरतलब है कि कोर्ट ने महिला की तरफ से लगाए गए आरोपों को भी गंभीरता से लिया है. नियम के मुताबिक शिकायत की जांच के लिए एक इन हाउस कमिटी का गठन कर दिया गया है. 3 जजों की इस कमिटी के सदस्य जस्टिस एस ए बोबडे, एन वी रमना और इंदिरा बनर्जी हैं. इनमें से जस्टिस बोबडे सुप्रीम कोर्ट के जजों में वरिष्ठता के हिसाब से दूसरे और रमना तीसरे नंबर के जज हैं. कमिटी ने महिला को कल अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है. कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से भी मामले से जुड़े सभी दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है.