इशरत जहां एनकाउंटर केस में पूर्व आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा और एनके अमीन बरी
15 जून, 2004 को गुजरात पुलिस ने एक एनकाउंटर में चार लोगों को मार गिराया था. इनमें इशरत जहां, जावेद गुलाम शेख, अमजद अली राना और जीशान जौहर के नाम शामिल है.
नई दिल्ली: इशरत जहां एनकाउंटर केस मामले में आज गुजरात की सीबीआई कोर्ट ने गुजरात के पूर्व आईपीएस ऑफिसर डीजी वंजारा और एनके अमीन को बरी कर दिया है. दोनों ने कोर्ट में उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई को खत्म करने की अर्जी दी थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में सेवानिवृत्त पुलिस अफसरों डीजी वंजारा और एन के अमीन ने अदालत से अनुरोध किया था कि राज्य सरकार ने उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की सीबीआई को मंजूरी नहीं दी है, जो सीआरपीसी की धारा 197 के तहत जरूरी है. लिहाजा उनके खिलाफ मामले की सुनवाई को बंद किया जाए. विशेष न्यायाधीश जे के पांड्या ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन के लिए मंजूरी के अभाव में दोनों पूर्व अधिकारियों को मामले से छुट्टी दी जा रही है.
क्या है इशरत जहां केस
15 जून, 2004 को गुजरात पुलिस ने एक एनकाउंटर में चार लोगों को मार गिराया. इनमें इशरत जहां, जावेद गुलाम शेख, अमजद अली राना और जीशान जौहर का नाम शामिल है. इस एनकाउंटर की अगुवाई डीआईजी डीजी वंजारा ने की थी. 7 सितंबर, 2009 को एनकाउंटर पर विवाद के बाद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसपी तमांग को जांच सौंपी गई. उन्होंने 243 पन्नों की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी. इसमें इशरत जहां एनकाउंटर को फर्जी करार दिया गया. पुलिस को कोल्ड ब्लडेड मर्डर का दोषी ठहराया गया था.
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