नई दिल्ली: अफगानिस्तान में आत्मघाती लड़ाके तैयार कर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने राम मंदिर शिलान्यास के समय आतंकी हमले की साजिश रची है. आईएसआई ने यह विशेष ट्रेनिंग इसलिए दिलाई है, जिससे आतंकवादी आतंक को अंजाम देते समय क्रूरता की पराकाष्ठा को पार कर सके. इन आतंकवादी गुटों के निशाने पर भारत के राजनेता भी हैं. ध्यान रहे कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम जन्मभूमि का शिलान्यास करेंगे.


देश की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी रॉ की इस रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत पर बड़े आतंकी हमले की साजिश रची है. ऐसी साजिश जो भारत में लोगों को जान माल का नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ भावनाओं को भी ठेस पहुंचा सकती है. पाकिस्तान ने एक खास मकसद के तहत इस आतंकवादी साजिश के लिए पाक अधिकृत कश्मीर स्थित आतंकवादी कैंपों में ट्रेनिंग नहीं दिलाई है, बल्कि उसकी जगह चुना है अफगानिस्तान का ट्रेनिंग कैंप. जहां आतंक के बड़े कामों के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाती है.


खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपने मकसद के लिए आतंकवादियों का अलग-अलग गुट तैयार किया है. हर गुट में तीन से पांच आतंकवादी हैं और खुफिया सूत्रों की मानें तो इन आतंकवादियों का एक गुट भारत में प्रवेश कर चुका है. बाकी गुट भी भारत में प्रवेश करने की तैयारी में है. आईएसआई ने इन आतंकवादियों को साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि उन्हें कैसे भी कहीं भी हमला करना है और जिस मकसद के लिए उन्हें तैयार किया गया है उसे पूरा करना है.


अब जरा आप उन मकसदों को भी जान लीजिए जिसके लिए इन आतंकवादियों को अफगानिस्तान की विशेष ट्रेनिंग दिलाई गई है. खुफिया एजेंसी आईएसआई का मकसद एक नहीं बल्कि एक तीर से कई निशाने करना है. उनके निशाने पर राम जन्मभूमि भी है तो भारत के राज नेता भी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के पूर्व डीसीपी एल एन राव के मुताबिक अफगानिस्तान में आतंकियों को आतंक की जो खास ट्रेनिंग दिलाई जाती है, उसमें क्रूरता की तमाम पराकाष्ठा को पार कराया जाता है. साथ ही इसका मकसद साफ तौर पर होता है अपने काम को अंजाम देते हुए आतंकवादी और किसी तरफ ना सोचे और जरूरत पड़ने पर खुद को आत्मघाती भी बना ले.


ध्यान रहे कि 5 अगस्त को राम जन्मभूमि निर्माण का शिलान्यास करने खुद प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या पहुंच रहे हैं. अब जरा ध्यान से देखिए आईएसआई की साजिश के राज का खुलासा करते हुए खुफिया एजेंसी के इस दस्तावेज को इसमें साफ तौर पर लिखा है. आतंकवादियों को अपने निशाने पर राम जन्मभूमि को भी लेना है और इसके अलावा भारत के राजनेताओं को. इसके अलावा उनका एक और मकसद है. यह मकसद है भारत के स्वतंत्रता दिवस यानी आने वाले 15 अगस्त को भी भारत में आतंक फैलाना. खुफिया सूत्रों की मानें यही कारण है कि आतंकवादियों की अलग-अलग गुट तैयार किए गए और हर गुट को अलग जिम्मेदारी दी गई है.


खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तानी साजिश की जो तार से तार मिली है, उसके मुताबिक इन गुटों को आपस में एक दूसरे से संपर्क नहीं करने को कहा गया है. मोबाइल का प्रयोग कम से कम करने को कहा गया है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक इसी साजिश के तहत आईएसआई ने पिछले दिनों अपने आतंकवादी गुटों को निर्देश दिए थे कि भारत में मौजूद ओवरग्राउंड वर्करों में महिलाओं को भी शामिल कर लिया जाए. खुफिया एजेंसियों को जो संकेत मिले हैं, उसके मुताबिक इन आतंकवादी गुटों के साथ एक महिला भी हो सकती है. फिलहाल इस अलर्ट के बाद खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की विशेष टीमों को अयोध्या दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं.


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