Gorakhnath Temple Attack ISIS Connection: गोरखपुर मंदिर हमले को लेकर लगातार ये कहा जा रहा है कि आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी का आतंकी कनेक्शन है, इस बीच एक नया खुलासा हुआ है. करीब 13 दिन पहले आतंकी संगठन ISIS ने एक वीडियो और तस्वीरें जारी कर ये दावा किया था कि भारत में ISIS के चार स्लीपर सेल काम कर रहे हैं. तस्वीरों में आतंकी हाथ में उसी तरह के हथियार लिए हुए दिख रहे हैं, जिस तरह के हथियार लेकर मुर्तजा गोरखनाथ मंदिर पहुंचा था और सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया था.


ISIS से जुड़े वीडियो देखता था मुर्तजा 


ये भी खुलासा हुआ है कि मुर्तजा ISIS से जुड़े वीडियो देखता था. अब जांच एजेंसियां इस हमले के ISISI कनेक्शन की जांच कर रही हैं. इतना ही नहीं पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुर्तजा एक व्हाट्सएप ग्रुप चलाता था. इस ग्रुप में यूपी के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों से लेकर नेपाल तक लोग जुड़े हुए थे. एटीएस की टीम ने ग्रुप के सदस्यों की पड़ताल कर उनकी धरपकड़ की शुरुआत कर दी है.




जांच एजेंसियां कर रहीं हैं पूछताछ


एटीएस कानपुर, नोएडा, संभल और शामली समेत अन्य जगहों से उठाए गए कई युवक व्हाट्सएप ग्रुप के ही सदस्य थे. मुर्तजा के ग्रुप से जुड़े सदस्यों से एटीएस और अन्य खुफिया एजेंसियां पकड़ कर पूछताछ करने की कोशिश कर रही हैं. 


पुलिस अधिकारियों के मुताबिक,अब्बासी ने मुंबई में अपनी शिक्षा पूरी की है जिसके बाद उसने कुछ समय के लिए जामनगर में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम किया था. मंगलवार को जांचकर्ताओं ने कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज जिलों के विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जहां अब्बासी हाल में ठहरा था. इसके अलावा मुंबई और गुजरात के जामनगर में भी दल भेजे गए हैं.


सात दिन की पुलिस हिरासत में है मुर्तजा


मुर्तजा को बुधवार को पूछताछ के लिए आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के लखनऊ मुख्यालय लाया गया. अब्बासी सोमवार से सात दिन की पुलिस हिरासत में है. मुर्तजा से उसकी गतिविधियों और हमले से पहले जिन लोगों से वह मिला, उनके बारे में पूछताछ की जा रही है. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया, "हम इस घटना से जुड़े हर पहलू का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. गिरफ्तार किया गया व्यक्ति किन लोगों या संगठनों से जुड़े हैं, इसका भी पता लगाया जा रहा है."


इससे पहले अधिकारियों ने दावा किया कि पकड़ा गया अभियुक्त केमिकल इंजीनियर है और उसने अपने लैपटॉप पर मुस्लिम कट्टरपंथियों के भाषण देखे थे. जांचकर्ताओं ने उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिया है ताकि डिजिटल सुबूत इकट्ठा किये जा सकें. इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और एटीएस की संयुक्त टीम कर रही है. जांचकर्ताओं को संदेह है कि अब्बासी खुद ही कट्टरपंथ की गिरफ्त में हैं. हालांकि इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं वह किसी अन्य के इशारे पर तो काम नहीं कर रहा था.


क्या है पूरा मामला?


गौरतलब है कि रविवार देर रात 30 साल के आईआईटी स्नातक अहमद मुर्तजा अब्बासी ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की और जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की, तो जवानों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था, जिससे पीएसी के दो कांस्टेबल घायल हो गए थे. हालांकि अन्य सुरक्षाकर्मियों ने उसे फौरन पकड़ लिया और हमले में इस्तेमाल किया गया धारदार हथियार जब्त कर लिया था. गोरखनाथ मंदिर परिसर में मंदिर के मुखिया और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास भी है. हालांकि हमले के वक्त वह मंदिर परिसर में मौजूद नहीं थे.


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