पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जम्मू कश्मीर पुलिस में तैनात अफसरों से अहम जानकारियां जुटाने के लिए अब हनीट्रैप के साथ-साथ, एक ऐसे बग का इस्तेमाल कर रही है जिसके लिंक को खोलते ही किसी भी फ़ोन या कंप्यूटर का सारा डाटा आईएसआई तक पहुंच जाता है. सूत्रों की मानें तो आईएसआई इस नए गेमप्लान के लिए पंजाब में बैठी महिला ओवर ग्राउंड वर्कर्स की मदद ले रहा है.


जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त से इंटरनेट बंद होने के बाद से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी सकते में है और ऐसा इसलिए क्योंकि इंटरनेट बंद होने के चलते न तो वो जम्मू कश्मीर में सक्रिय अपने ओवर ग्राउंड वर्कर्स से संपर्क कर पा रहा है और ना ही जम्मू कश्मीर से किसी तरह की जानकारिया उस तक पहुंच रही है.


ऐसे में अब आईएसआई ने जम्मू कश्मीर में तैनात पुलिस अफसरों के सोशल मीडिया एकाउंट्स में सेंध लगा कर उनसे जानकारियां जुटाने की नई साजिश रची है. जम्मू कश्मीर पुलिस में सूत्रों ने बताया कि इन दिनों जम्मू कश्मीर में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को व्हाट्सप्प और फेसबुक समेत कई अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अज्ञात नम्बरों और एकाउंट्स से फ्रेंड रिक्वेस्ट आ रही हैं, जिन्हें एक्सेप्ट करते ही बड़ी चालाकी से इन अफसरों को एक लिंक भेजा जाता है जिसे खोलते की इन अफसरों के कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल का सारा डाटा हैक को जाता है.


जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि इन फ्रेंड रिक्वेस्ट्स में से अधिकतर पंजाब में सक्रिय आईएसआई की महिला ओवर ग्राउंड वर्कर्स से आ रही है. यह महिला ओवर ग्राउंड वर्कर बड़ी ही चालाकी से दूर गांव में किसी दिहाड़ी दार मज़दूर या किसान का फ़ोन नंबर का क्लोन बना कर उसपर से व्हाट्सप्प या फेसबुक का अकाउंट बना लेती हैं और फिर उसे इस्तेमाल कर इस हैकिंग के सारे खेल को आजम दिया जाता है.


सूत्रों ने यह भी बताया है कि पंजाब में सक्रिय ऐसे कई नंबर राडार पर लिए गए हैं और इनमे से कई नंबर कश्मीर के दूर दराज़ इलाको में रह रहे अनपढ़ लोगो के नाम पर रजिस्टर्ड है. सूत्रों की माने तो पाकिस्तान की यह कोशिश इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि आईएसआई सिर्फ एहम पोस्टिंग्स पर तैनात वरिष्ठ अधिकारियो को ही इस जाल में फ़साने की कोशिश कर रहा है.