इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत से बातचीत की वकालत की है. इस्लामाबाद सिक्योरिटी डायलॉग के उद्घाटन में पीएम इमरान खान ने कहा कि बातचीत दोनों मुल्कों के लिए फायदेमंद है. लेकिन इमरान ने ये शर्त भी जोड़ दी है कि पहल भारत की तरफ़ से होनी चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय मंचों से पाकिस्तान की घेराबंदी जारी
पाकिस्तान कई बार कई मंचों से भारत से बातचीत करने की गुहार लगा चुका है. ये अंतरराष्ट्रीय मंचों से घेराबंदी और चौतरफा कूटनीतिक दबाव का नतीजा है कि अशांति फैलाने वाला पाकिस्तान अब सीमा पर शांति की बात करने लगा है. काफी समय बाद पाकिस्तान ने अपने रिश्तों को भारत के साथ सुधारने की बात कही है.
इससे पहले श्रीलंका के दौरे पर गए इमरान खान ने कहा था, ''मैंने साल 2018 में प्रधानमंत्री निर्वाचित होने पर भारत को शांति वार्ता आयोजित करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ.'' उन्होंने कहा, ''हमारा विवाद केवल कश्मीर को लेकर है और इसे वार्ता के जरिए सुलझाया जा सकता है.''
पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध बनाए रखना चाहता हैं- भारत
वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, ''भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध बनाए रखना चाहता है. हम सभी लंबित मुद्दों का शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए समाधान चाहते हैं. सभी प्रमुख मुद्दों पर भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.'' हालांकि भारत कई बार यह बात भी साफ कर चुका है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते.
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