Israel Palestine Attack:  मिडिल ईस्ट के देश इजराइल में फलिस्तीन चरमपंथी सगंठन हमास के लड़ाकों के बर्बर हमले के बाद पूरी दुनिया में लामबंदी शुरू हो गई है. एक तरफ जहां भारत ने आधिकारिक तौर पर अपने रणनीतिक साझेदार इजराइल के साथ एकजुटता जताई है, वहीं कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी और संसद के सी वेणुगोपाल ने इस मामले में फलिस्तीन का समर्थन किया है. उन्होंने तत्काल युद्ध विराम की जरूरत बताते हुए बातचीत के जरिए समस्या के समाधान का सुझाव दिया.


एक दिन पहले सोमवार (9 अक्टूबर) को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद उन्होंने कई बातें कहीं जिनमें फलिस्तीन के समर्थन की भी बात है. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर सिलसिलेवार किए गए ट्वीट में वेणुगोपाल ने कहा, "मिडिल ईस्ट में संघर्ष बेहद दुखद है और समय की मांग है कि तत्काल युद्धविराम हो. हम (कांग्रेस) स्व-शासन के लिए फलिस्तीन संघर्ष के साथ खड़े हैं और मानते हैं कि इस संकट के समाधान के लिए बातचीत की जानी चाहिए."


'देशव्यापी जाति सर्वे कराएंगे'


उन्होंने आगे लिखा, "आज, सीडब्ल्यूसी ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि जब हम केंद्र में सत्ता में आएंगे तो देशव्यापी जाति जनगणना (सर्वे) कराएंगे, साथ ही कांग्रेस शासित प्रत्येक राज्य में भी इसे कराएंगे." सीडब्ल्यूसी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में जातिगत सर्वे समेत आरक्षण आदि को लेकर जो बातें कहीं गई थीं, उसी को दोहराने के साथ ही उन्होंने सिलसिले वार किए गए पांच ट्वीट के आखिरी में खासतौर पर फलिस्तीन इजराइल संघर्ष का जिक्र किया है.


इसमें उन्होंने लिखा है, "मिडिल ईस्ट में चल रहा संघर्ष दुखद है और समय की मांग है कि तत्काल युद्ध विराम होना चाहिए. हम स्वशासन के लिए फलिस्तीन के संघर्ष के साथ खड़े हैं और मानते हैं कि संकट के समाधान के लिए बातचीत की जानी चाहिए."


भारत ने इजराइल का किया है समर्थन


आपको बता दें कि इजराइल पर हमास के लड़ाकों के हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के साथ एकजुट जताई थी. उन्होंने कहा था कि इजराइल में हमास के हमले के बाद मारे गए नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. भारत मुश्किल की इस घड़ी में इजराइल के साथ खड़ा है. इजराइल-हमास संघर्ष में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, यूक्रेन, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया समेत पश्चिमी देशों ने इजराइल के साथ खड़े होने की बात की है.


भारत ने भी इन्हीं के साथ सुर में सुर मिलाते हुए इजराइल के जवाबी हमले को जायज ठहराया है. इस बीच देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी जो लंबे समय तक सत्ता में रही है, उसका फलिस्तीन को लेकर विपरित रुख. चर्चा में है.
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