Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच युद्ध को लेकर दुनिया भर में चिंता घर कर गई है. कई देश इस युद्ध को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं. इसके अलावा कई देशों के नेता और बड़ी हस्तियों ने भी युद्ध पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उत्पीड़न और वर्चस्व (कब्जा) और शांति एक साथ नहीं चल सकते हैं. 


भारतीय कवि कुमार विश्वास ने भी इजरायल-हमास युद्ध पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने एक्स (पहले ट्वीटर) पर लिखा, "बेहद संवेदनशील वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए प्रत्येक भारतीय और विशेषकर भारत सरकार को अत्यंत सतर्क और सजग रहने की आवश्यकता है. यही समय है कि हम सब चिह्नित करें कि वे कौन लोग हैं जो ईश्वर न करें हमारे देश में कभी ऐसी परिस्थिति के समय देश की अपेक्षा अपनी-अपनी निजी मान्यताओं के साथ खड़े होंगे. याद रखिए जो प्रत्येक परिस्थिति में पहले देश के साथ नहीं हैं वे समय आने पर देश के विरुद्ध होंगे ही."






'भारतीय मुसलमान ने कभी नहीं किया हिंसा का समर्थन'


IAS अधिकारी शाह फैजल ने कहा है कि आतंकवाद ने कभी किसी का भला नहीं किया है न फिलिस्तीन का भला कर सकेगा. उन्होंने ट्वीटर पर लिखा, भारतीय मुसलमानों ने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया. मानवता हर मजहब से ऊपर है. भारतीय मुसलमानों ने मध्य पूर्व में कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं किया है. दरअसल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया गया था, जिसमें एक यूजर ने लिखा था कि भारतीय मुसलमान फिलिस्तीन के पक्ष में खड़ा है. इस जवाब में शाह फैसल ने ट्वीट किया. 









जीतनराम मांझी ने क्या कहा?


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने हमसा के हमलों को जायज ठहराते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा, "वैसे तो मैं किसी तरह के हिंसा का पक्षधर नहीं, पर जब इजराइल ने बेगुनाह फिलिस्तिनियों का नरसंहार किया तो उस वक्त पूरी दुनिया खामोश थी और अब जब फिलिस्तिनियों ने संगठन बनाकर इजराइइल पर पलटवार किया है तो कुछ तथाकथित शांति दूतों की नींद खुल गई. मुझे लगता है जैसी करनी वैसी भरनी."






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