Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच  जारी जंग का आज 37 वां दिन है.  गत 7 अक्टूबर को इजरायल में घुसकर फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास के लड़ाकों के हमले के बाद इजरायली सैन्य बल गाजा पट्टी को घेरकर घुस चुके हैं और लगातार हमले हो रहे हैं. गाजा पट्टी पर हवाई हमले भी जारी है. दावा है कि गाजा पट्टी में अब तक 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जिसे लेकर मुस्लिम देश एकजुट होने लगे हैं.


शनिवार (11 नवंबर ) को सऊदी अरब में इस्लामिक सहयोग संगठन और अरब लीग की बैठक हुई है. उसके पहले ईरान ने ऐसे संकेत दिए हैं जो इजरायल-हमास जंग के और बढ़ने की ओर इशारा कर रहे हैं. ईरान ने स्पष्ट कर दिया है कि गाजा पट्टी पर बयानबाजी बहुत हुई. अब एक्शन का समय आ गया है.


रियाद में हुई बैठक में शामिल हुआ पाकिस्तान भी


जंग के बीच सऊदी अरब की मांग पर की गई आपातकालीन बैठक में शामिल होने के लिए दुनिया भर के मुस्लिम देशों के नेता रियाद पहुंचने लगे हैं. इसमें पाकिस्तान ने भी शिरकत की है. इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की इस आपातकालीन बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर शुक्रवार को ही सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंच गए हैं. 


इजरायल पर दबाव बनाने की कोशिश


बैठक से पहले शुक्रवार (10 नवंबर) देर रात सऊदी अरब विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह संयुक्त बैठक फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पट्टी की स्थितियों को  ध्यान में रखकर की जा रही है क्योंकि इस बैठक की जरूरत महसूस हो रही है. इसमें ईरान, तुर्की, कतर और पाकिस्तान के साथ-साथ दर्जनों इस्लामिक देशों ने हिस्सा लिया हैं.


ओआईसी और अरब लीग की इस आपातकालीन बैठक में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन, कतर के शेख तमीम बिन हमद अल थानी और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद भी शामिल हो रहे हैं.  माना जा रहा है कि मुस्लिम देशों की यह बैठक इजरायल और अमेरिका पर दबाव बनाने की कोशिश है ताकि गाजा पट्टी में कार्रवाई रोकी जा सके.


जंग में कूद सकता है ईरान


गाजा पट्टी में हमास को खत्म करने की शपथ लेकर जंग लड़ रहे इजरायली सैन्य बलों के खिलाफ अब कई मोर्चों पर जंग छिड़ने के भी आसार दिख रहे हैं. ईरान ने सीधे तौर पर जंग में कूदने की चेतावनी दी है. अरब बैठक से पहले ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा है कि बातचीत के बजाय अब इस संघर्ष को लेकर कार्रवाई करने का समय आ गया है. 


रियाद के लिए रवाना होने से पहले तेहरान एयरपोर्ट पर रईसी ने कहा कि गाजा शब्दों का अखाड़ा नहीं है. आज इस्लामिक देशों की एकता बहुत ही महत्वपूर्ण है." इसके अलावा सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी गाजा पट्टी में जारी इजरायली हमले की कड़ी निंदा की है.


खास बात ये है कि अरब और ईरान के बीच दुश्मनी के बावजूद इस मामले पर दोनों देश एकजुट हैं. मार्च में चीन की मध्यस्थता में हुए समझौते के बाद किसी भी ईरानी राष्ट्रपति की यह पहली रियाद यात्रा है. चीन की मध्यस्थता की वजह से कई सालों के बाद सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली हुई है.


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