India On Israel-Hamas War: इजरायल और हमास में भीषण जंग जारी है. इस बीच भारत ने हमास के हमले को आतंकी घटना बताया है. वहीं फलस्तीन को लेकर भी साफ शब्दों में कहा है कि भारत फलस्तीन के संप्रभु और स्वतंत्र राज्य की स्थापना के लिए लंबे समय से अपने समर्थन में विश्वास करता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार (12 अक्टूबर) को कहा कि इजरायल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत की यही नीति रही है.


न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बागची ने फलस्तीन मुद्दे के द्वि-राष्ट्र समाधान (टू नेशन) के पक्ष में रुख को दोहराते हुए कहा, ‘‘इस संबंध में हमारी नीति दीर्घकालिक और सुसंगत रही है...भारत ने हमेशा इजरायल के साथ सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के अंदर एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फलस्तीन की स्थापना के लिए सीधी वार्ता की बहाली की वकालत की है. इसके साथ-साथ इजरायल के साथ शांतिपूर्ण संबंध की पैरवी की है. यह रुख यथावत है.’’


इजरायल-हमास जंग पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना एक सार्वभौमिक दायित्व है और इसी तरह आतंकवाद के खतरे से लड़ना भी वैश्विक जिम्मेदारी है. इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में अब तक दोनों पक्षों के करीब 2,600 लोग मारे गए हैं.


पीएम मोदी ने की थी नेतन्याहू से बात
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को अपने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि भारत के लोग इस कठिन समय में उनके देश के साथ मजबूती से खड़े हैं. पीएम मोदी ने इस दौरान हर तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा की. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि नेतन्याहू ने उन्हें फोन किया और इजरायल के हालात के बारे में जानकारी दी.


हमास को लेकर क्या बोले बागची?
इसको लेकर बागची ने कहा, "मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणियां अपने आप में कायम हैं और उन्हें किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है." यह पूछे जाने पर कि भारत हमास को कैसे देखता है तो उन्होंने कहा कि भारतीय कानूनों के तहत आतंकवादी संगठन घोषित करना एक कानूनी मामला है.


(इनपुट भाषा से भी)


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