Israel Hermes 900 Drone Crashed: गुजरात के पोरबंदर में सोमवार (13 जनवरी, 2025) को भारतीय नौसेना का एल्बिट हर्मीस 900 ड्रोन क्रैश हो गया. इस ड्रोन को दृष्टि 10 के नाम से भी जाना जाता है और इसकी टेस्टिंग चल रही थी. हर्मीस 900 को इजरायल का सबसे शक्तिशाली ड्रोन माना जाता है और भारत में इजरायल के लाइसेंस के तहत अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने असेंबल किया था.
मध्यम ऊंचाई और लंबे समय तक टिकने वाला ये ड्रोन इजरायली फर्म एल्बिट सिस्टम्स के हर्मीस 900 स्टारलाइनर पर आधारित है. इसे पोरबंद के नौसेना वायु क्षेत्र में संचालित किया जा रहा था लेकिन ये समुद्र में गिर गया. एक अधिकारी ने कहा, “वेंडर ने ड्रोन को वापस ले लिया है और इस पर विश्लेषण किया जाएगा कि कहां कमी आई और क्या गड़बड़ हुई. नौसेना पर इसका कोई वित्तीय असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ये ड्रोन अभी तक डिलीवर नहीं हुआ है.”
भारतीय सेना और नौसेना ने 2023 में दिया था ऑर्डर
देश की सेना और नौसेना ने 2023 में आपातकालीन खरीद प्रावधानों के तहत दो-दो सैटकॉम-सक्षम ड्रोन का ऑर्डर दिया था. इन ड्रोन को 450 किलोग्राम पेलोड के साथ 30,000 फीट की ऊंचाई पर 36 घंटे उड़ने में सक्षम बताया गया है. इनमें से हर ड्रोन को लंबी दूरी के ISR (खुफिया, निगरानी और टोही) मिशनों के लिए डिजाइन किया गया. इसकी कीमत लगभग 120 करोड़ रुपये है. पहला ड्रोन पिछले साल जनवरी में नौसेना को दिया गया था. फिर जून में सेना को दूसरा ड्रोन मिला था. सोमवार को जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ वो नौसेना के लिए था.
सेना को 150 नए एयरक्राफ्ट सिस्टम की जरूरत
सशस्त्र बलों ने पिछले कुछ सालों में लंबी दूरी तक निगरानी और सटीक निशाना लगाने के लिए बड़ी संख्या में इजरायली सर्चर, हेरॉन मार्क-I और मार्क-II ड्रोन इंपोर्ट किए हैं. सेना को लगभग 150 नए MALE रिमोटली-पायलट एयरक्राफ्ट सिस्टम की जरूरत है. भारत ने पिछले साल अक्टूबर में 31 सशस्त्र MQ-9B 'प्रिडेटर' के लिए अमेरिका के साथ 32,350 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रेक्ट किया था.
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