नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद मोदी कल इजरायल जा रहे हैं, पिछले 70 सालों में ये पहला मौका है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल का दौरा कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक होने जा रहा है. इसी साल भारत और इजरायल के कूटनीतिक रिश्तों के 25 साल पूरे हो रहे हैं.


भारत ने 1950 में पहली बार इजरायल को मान्यता दी थी लेकिन दोनो देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों की औपचारिक शुरूआत 1992 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव ने की. साल 2003 में जसवंत सिंह पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने इजरायल की यात्रा की और फिर 2015 में बतौर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इजरायल गए.


भारतीय प्रधानमंत्री के भव्य स्वागत की तैयारी
प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू प्रोटोकॉल तोड़कर एयरपोर्ट पर खुद मौजूद रहेंगे. यही नहीं नेतन्याहू ने अपनी सरकार के 11 मंत्रालयों को पीएम मोदी के दौरे की जिम्मेदारी सौंपी है. बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी कैबिनेट बैठक में पीएम मोदी को माई फ्रेंड कहते हुए उनके इजरायल आने का एलान किया.


अमेरिकी राष्ट्रपति और पोप का होता है ऐसा स्वागत
जिस तरह का स्वागत प्रधानमंत्री मोदी को इजरायल में मिलेगा वैसा स्वागत सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति और पोप को दिया जाता है. इसी साल अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इजरायल की यात्रा पर गए थे. उस वक्त इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू खुद अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत में एयरपोर्ट पहुंचे थे. इसी तरह सबसे बड़े ईसाई धर्म गुरु पोप जब भी इजरायल जाते हैं तो इजरायली प्रधानमंत्री उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट पर मौजूद रहते हैं.


एक बड़ी परंपरा तोड़ेंगे पीएम मोदी
नरेंद्र मोदी इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर 2006 में इजरायल जा चुके हैं. पार्टी के तौर पर बीजेपी हमेशा से इजरायल से बेहतर संबंधों की वकालत करती रही है लेकिन भारत और इजरायल के रिश्ते अब तक फिलीस्तीन को ध्यान में रखकर बनाए गए.


इजरायल और फिलीस्तीन एक दूसरे के दुश्मन हैं औऱ भारत फिलीस्तीन का समर्थन करता रहा है. इसीलिए भारत की कूटनीति दोनों देशों के बीच तालमेल बनाने की रही है. अब तक भारत से इजरायल जाने वाला कोई भी नेता साथ में फिलीस्तीन भी जाता था लेकिन मोदी इस परंपरा को भी तोड़ेंगे.


प्रधानमंत्री मोदी के इजरायल दौरे का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समय के अनुसार मंगलवार शाम 6.30 बजे इजरायल की राजधानी तेल अवीव पहुंचेंगे. यहां से वो इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक खेत देखने जाएंगे और फिर रात में इजरायली प्रधानमंत्री ने मोदी के स्वागत में एक डिनर रखा है.


5 जुलाई को रात 11.30 बजे मोदी इजरायल में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे. तीन दिन की इस यात्रा के दौरान दोनो देशों के बीच विकास से जुड़े कई अहम समझौते भी होंगे.


एक बड़ा संदेश देना चाहते हैं पीएम मोदी?
जानकारों के मुताबिक इजरायल से भारत की नजदीकी पाकिस्तान और चीन के लिए परेशानी की वजह बन सकती है. जानकारों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी सालों पुरानी नेहरूवियन नीति से अलग कर पूरी दुनिया को संदेश देना चाहते हैं कि भारत दूसरे तमाम देशों के साथ संबंध अच्छा करना चाहता है लेकिन अमेरिका और उसके नजदीकी देशों के साथ भी संबंध अच्छा करना चाहता है.

IN DEPTH: प्रधानमंत्री मोदी के इजरायल दौरे के क्या मायने हैं ?